नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप कात्यायनी की पूजा होती है। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा। मां कात्यायनी स्त्री ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं और स्त्री ऊर्जा का स्वरूप भी हैं। ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। मान्यता है कि देवी कात्यायनी जिस पर प्रसन्न हो जाएं उसे अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
धार्मिक मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। मां अपने साधकों को दिव्य ज्ञान प्रदान करती हैं। इससे भक्त के जीवन में नवसंचार होता है। मां कात्यायनी की पूजा करने से अविवाहित युवतियों की शीघ्र शादी हो जाती है। अतः अविवाहित युवतियां भी मां कात्यायनी की पूजा करती हैं।
जगत का कल्याण करने वाली ममतामयी मां कात्यायनी समस्त आभूषणों से सुभोषित हैं। मां कात्यायनी का स्वरूप अनुपम है। मुख मंडल पर प्रभामंडल समान तेज है। सिंह की सवारी करने वाली मां कात्यायनी चार भुजाधारी हैं। इनमें दो हाथ वरमुद्रा में है। इससे मां अपने भक्तों का कल्याण करती हैं। अन्य दो हाथों में क्रमशः अस्त्र और कमल पुष्प हैं। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी के दर्शन मात्र से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख दूर हो जाते हैं।
नवरात्रि के मौके पर महिलाएं सोलह श्रृंगार करके माता का वंदन करते हैं, पारंपरिक भेषभूषा के साथ महिलाएं इस दौरान मेहंदी भी लगाती हैं। लोग इस दौरान मेहंदी के नए नए डिजाइन ढूंढते हैं तथा माता के नाम की मेहंदी अपने हाथों पर रचाती हैं। अगर आप भी शारदीय नवरात्रि या दुर्गा पूजा के लिए मेहंदी के डिजाइन ढूंढ रही हैं तो आप सही जगह पर हैं,यहां आपके लिए कुछ चुनिंदा भक्तिमय मेहंदी डिजाइन लेकर आये हैं यकीनन आपको भी ये जरूर पसंद आएंगे।