सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच मामले को लेकर चिंता जाहिर की है।कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर सब को जायज ठहराने की कोशिश हो रही है, जो बहुत खतरनाक है।कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अहमियत समझनी चाहिए। सेल्फ रेगुलेशन और संयम का पालन करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित दिशानिर्देशों पर विचार करते हुए कहा कि नागरिकों के बीच भाईचारा होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हम सेंसरशिप की बात नहीं कर रहे हैं, हम चाहते हैं कि लोग आत्मसंयम रखें और नियमों का पालन करें।सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से कहा कि सोशल मीडिया पर सभी विभाजनकारी प्रवृतियों पर रोक लगानी होगी।
सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि सोशल मीडिया पर एक बार पोस्ट हो जाने के बाद यह सार्वजनिक हो जाता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्वतंत्रता और एक मौलिक अधिकार है। अगर इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग होता है, तो मुकदमेबाजी और अदालतों में भीड़ बढ़ती है।
