न्यूज़ डेस्क
सबकी अपनी राजनीति है और सबके अपने दायरे भी। भारत में जी 20 की बैठक चल रही है। दुनिया भर के मेहमान दिल्ली पहुँच रहे हैं। भारत के लिए यह बैठक काफी अहम् भी है। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होनी है। यह बात और है कि चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग और रुसी राष्ट्रपति पुतिन इस बैठक में नहीं .ऐसे में कई लोगों का यह भी कहना है कि इससे भारत को छति पहुंची है। भारत जिस तरह से दुनिया में अपनी छवि को बनाते हुए आगे बढ़ रहा है ऐसे में पुतिन और जिनपिंग का भारत नहीं आना किसी सदमे से कम नहीं।
लेकिन उधर कांग्रेस नेता राहुल गाँधी इसी बीच सप्ताह भर के लिए यूरोपीय देशों की यात्रा पर हैं। गुरूवार को ब्रुसेल्स में यूरोपीय संसद के सदस्यों यानी एमईपी के साथ एक गोलमेज बैठक में भाग लिया। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में कांग्रेस के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट में कहा गया है, “राहुल गांधी ने यूरोपीय संसद में एमईपी के साथ एक गोलमेज बैठक में भाग लिया।
इस बैठक में यूरोपीय संसद की सदस्य और भारत-ईयू संबंधों की समन्वयक अलवीना अल्मेत्सा) और संसदीय बजट, पर्यावरण और रोजगार विभाग के प्रमुख और यूरोपीय संघ संसद के सदस्य पियरे लैराउटुरौ भी शामिल थे।“ इस बैठक के दौरान राहुल गांधी के साथ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा भी मौजूद थे। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ के अनुसार, राहुल गांधी पेरिस रवाना होने से पहले ब्रुसेल्स में व्यापारियों और एनआरआई के साथ कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे, जहां से वह 10 सितंबर को ओस्लो जाएंगे।
4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2019 के मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक के बाद लोकसभा द्वारा उनकी सदस्यता बहाल किए जाने के बाद राहुल गांधी की भारत के बाहर यह पहली यात्रा है। इस साल की शुरुआत में उन्होंने अमेरिका का दौरा किया था, जहां उन्होंने भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया था, और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान कार्यक्रम में भाग लिया था।
इसी साल मार्च में उन्होंने ब्रिटेन का दौरा भी किया था, जहां उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था। अमेरिका और ब्रिटेन में उनके बयानों पर सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आई थीं।


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