न्यूज़ डेस्क
अगर न्यायिक सेवा में सब कुछ सामान्य तरीके से ही चलता रहा तो 2027 में देश को पहली महिला चीफ जस्टिस मिल सकती है। जस्टिस बीवी नागरत्ना को सीजेआई बनाया जा सकता है। उनका चीफ जस्टिस का कार्यकाल केवल 37 दिन होगा।
वरिष्ठता के लिहाज से जस्टिस नागरत्ना सितंबर 2027 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का पदभार संभालेंगी। देश के पूर्व चीफ जस्टिस ईएस वेंकटरमैया की बेटी नागरत्ना 13 साल कर्नाटक हाईकोर्ट में जज रहीं और 2021 से सुप्रीम कोर्ट में हैं।
देश के मौजूदा चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इसी साल 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। उनके बाद वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस संजीव खन्ना चीफ जस्टिस हाेंगे।
मुख्य न्यायाधीशों का सुप्रीम कोर्ट जजों की वरिष्ठता सूची का आंकलन करने पर पता चलता है कि सीजेआइ चंद्रचूड़ के रिटायर होने के बाद अगले छह साल में सात चीफ जस्टिस बनेंगे लेकिन उनमें से जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला को छोड़कर अन्य पांच चीफ जस्टिस का कार्यकाल एक साल से भी कम होगा।
सीजेआइ के रूप में जस्टिस सूर्यकांत को सीजेआई के रूप में एक साल से अधिक और जस्टिस पारदीवाला को दो साल से अधिक समय मिलेगा।
बता दें कि आजाद भारत के सुप्रीम कोर्ट में अभी तक केवल 11 महिला जज रही हैं जिनमें से जस्टिस हिमा कोहली,जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस नागरत्ना अभी कार्यरत हैं।
जस्टिस कोहली पहली सितंबर को रिटायर होने वाली हैं। जस्टिस फातिमा बीवी अक्टूबर 1989 में शीर्ष अदालत की पहली महिला जज बनी थीं लेकिन पहली महिला चीफ जस्टिस का अभी तीन साल और इंतजार करना होगा।