बीरेंद्र कुमार झा
चर्चित माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालीद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या के मामले की जांच कर रहे एसआईटी ने गुरुवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिया। शाम को दाखिल किए गए आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने तीनों हत्यारोपितो को 14 जुलाई को न्यायालय में तलब करने का आदेश दिया है। 14 जुलाई को तीनों आरोपितों सनी सिंह,लवलेश तिवारी और अरुण मौर्या की जुडिशल कस्टडी की मियाद खत्म हो रही है। इसमें से सनी सिंह हमीरपुर, लवलेश बांदा और अरुण कासगंज का रहने वाला है ।जुडिशल कस्टडी खत्म होने से ठीक 1 दिन पहले ही न्यायालय में चार्जशीट पेश कर दी गई।
हत्याओं के 90 दिन के भीतर दायर की गई 4 सीट का हवाला देते हुए एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि हमीरपुर का रहने वाला सनी सिंह उर्फ पुरैनी हत्याओं का मास्टरमाइंड था क्योंकि उसने अन्य दो आरोपियों को उकसाया था। एसआईटी ने कहा कि हमलावरों को अतीक या अशरफ से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी। वे अतीक और अशरफ के गिरोह को खत्म कर के लोकप्रिय बनना चाहते थे।
कोर्ट ने क्या कहा
इस मामले में कोर्ट ने कहा कि अपराध का संज्ञान लेने का पर्याप्त आधार है।सीजीएम दिनेश कुमार गौतम ने पुलिस की ओर से प्रस्तुत किए गए विवेचना के परिणाम, आरोप पत्र के साथ संलग्न करीब 2000 पेज की केस डायरी और अन्य कागजात प्रथम सूचना रिपोर्ट,नक्शा नजरी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ,चालान, फोटोऔर परीक्षण रिपोर्ट का अवलोकन किया। अवलोकन के पश्चात सीजेएम ने कहा कि अपराध का संज्ञान लिए जाने का पर्याप्त आधार उपलब्ध है, लिहाजा संज्ञान लिया जाता है।साथ ही आरोपियों को 14 जुलाई को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया ताकि उन्हें अभियोजन पत्रों की नकल उपलब्ध कराई जा सके और यह मामला विचारण के लिए सत्र न्यायालय को सुपुर्द किया जा सके।
पुलिस ने कहा दंडित करने के लिए सबूत पर्याप्त
करीब 2000 पेज की केस डायरी के साथ प्रस्तुत 56 पेज के आरोप पत्र में पुलिस ने कहा है कि हत्याकांड के तीनों आरोपी 15 अप्रैल को घटनास्थल पर ही पकड़े गए थे लवलेश तिवारी सनी तथा अरुण मौर्या के खिलाफ विवेचना के दौरान पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं,इसलिए सबूत तलब करके दंडित करने की कृपा करें।
200 से ज्यादा गवाह 70 फुट 1015 वीडियो रिकॉर्डिंग
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने 2000 से अधिक पेज की केस डायरी और आरोप पत्र में हर पहलू पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत की।एसआईटी ने अतीक को अहमदाबाद के साबरमती जेल से प्रयागराज तक लाने से लेकर कस्टडी रिमांड तक पर लिए जाने की हर गतिविधियों का ब्यौरा दिया है।
इसी प्रकार इसी प्रकार अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाने धूमनगंज थाने में रखे जाने मेडिकल परीक्षण कराने की पूरी रिपोर्ट केस डायरी में दर्ज की गई है। केस डायरी और आरोपपत्र में एसआईटी ने 200 से अधिक गवाहों को शामिल किया है। इसमें चश्मदीद गवाह अलग हैं,जबकि आम गवाहों को अलग रखा गया है ।चश्मदीद गवाहों में अतीक और अशरफ कसरत की सुरक्षा में लगे 21 पुलिसकर्मी, 11 मीडियाकर्मी और अस्पताल गेट से लेकर घायलों का इलाज कराने वाले 16 से अधिक अस्पताल कर्मी शामिल हैं।
एसआईटी ने सीसीटीवी कैमरों की 70 फुटेज और 15 वीडियो रिकॉर्डिंग को अदालत में साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किया है।सीसीटीवी फुटेज में धूमनगंज थाने से अतीक, अशरफ के निकलने ,रास्ते, कॉल्विन अस्पताल और काटजू रोड की दुकानों के कैमरे की रिकॉर्डिंग शामिल हैं। तीनों आरोपियों बांदा के लवलेश तिवारी हमीरपुर के सनी सिंह और कासगंज के अरुण मौर्या के प्रयागराज में दाखिल होने,होटल में ठहरने,मीडिया कर्मियों के ग्रुप में शामिल होने,अस्पताल के भीतर दाखिल होने और हत्या के दौरान की फुटेज के अलावा सरेंडर करने तक का आरोप पत्र में शामिल किया गया है।
जल्द पूरी होगी न्यायिक आयोग की जांच
पुलिस कस्टडी में अतीक – अशरफ की हुई हत्या की जांच के लिए शासन ने न्यायिक आयोग का गठन किया है ।आयोग की टीम कई बार प्रयागराज आकर जांच कर चुकी है। लखनऊ में भी बयान दर्ज हुए हैं। आयोग की जांच भी अब अंतिम दौर में है। जल्दी ही न्यायिक आयोग भी अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप देगा। आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहब भीसले हैं, झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस वीरेंद्र सिंह इसके उपाध्यक्ष और इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी पूर्व डीजी आईपीएस सुरेश कुमार सिंह और अवकाश प्राप्त जिला न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी इसके सदस्य हैं।
इन धाराओं में तैयार हुआ है आरोप पत्र
अतीक और अशरफ की हत्यारों अरुण,लवलेश और सनी सिंह के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302, 307, 34, 120 B,419, 420,467, 468, 471,आर्म्स एक्ट की धारा 37 और 2527 तथा क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा 7 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है।