- बीरेंद्र कुमार झा
जमीन के बदले नौकरी देने के मामले को लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबियों के यहां शुक्रवार को ईडी ने छापेमारी की। बिहार में इसको लेकर एक बार फिर से राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है, लेकिन वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस कारवाई को लेकर चुप्पी साध ली है। जब मीडिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस बावत सवाल किया तो उन्होंने इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया।ऐसे में अब नीतीश कुमार की इस चुप्पी को लेकर बिहार में कई प्रकार के राजनीतिक कयास लगने शुरू हो गए हैं।इससे पहले भी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर प्रधानमंत्री को लिखे गए विपक्षी दलों के पत्र पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम नहीं था।नीतीश कुमार के विपक्षी दलों के साथ खड़े न होने के एक के बाद एक कदम उठाए जाने से बिहार की सियासी हलचल भी काफी बढ़ गई है।
महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में नीतीश कुमार ने साइन क्यों नहीं किया ,इस बात को लेकर बिहार में कई प्रकार के सियासी मायने निकालने प्रारंभ हो गए। हालांकि नीतीश कुमार लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ हो रहे कार्रवाई को लेकर सेंट्रल एजेंसी पर पहले कई दफा सवाल उठा चुके हैं, लेकिन इस समय उनकी इस मामले पर चुप्पी और उनके बदले बदले से मिजाज को लेकर यह कहा जाने लगा है कि इस समय महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की है स्वच्छ छवि
सरसरी नजर से देखने पर इस समय जेडीयू ही एकमात्र पार्टी नजर आती है, जिसका कोई भी बड़ा नेता सेंट्रल एजेंसी के रडार पर नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी इस स्वच्छ छवि को दांव पर नहीं लगाना चाहते हैं, इसलिए इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं बिहार में बदले राजनीतिक हालात को देखते हुए यह कहा जाने लगा है नीतीश कुमार फिर से पलटी मार दें तो कोई आश्चर्य नहीं।पिछले 10 सालों में अब तक नीतीश कुमार चार बार पलटी मार चुके हैं। दरअसल बिहार की राजनीति कभी भी किसी तरफ करवट ले सकती है।
लालू यादव के करीबियों के यहां ईडी की छापेमारी
गौरतलब है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबियों पर पटना समेत दिल्ली के कई ठिकानों पर शुक्रवार को ईडी ने छापेमारी की। वहीं राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ स्थित आरजेडी के पूर्व विधायक अबू दुजाना के आवास पर शुक्रवार की देर शाम तक ईडी की छापेमारी चली।