न्यूज़ डेस्क
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने देशद्रोह पर लॉ कमीशन की उस रिपोर्ट का स्वागत किया है जिसमे कहा गया है कि इस कानून में कुछ बदलाव के साथ बरक़रार रखनी चाहिए। इस कानून को निरस्त करने पर देश की सुरक्षा और अखंडता पर असर पड़ सकता है। धारा 124ए को इसके इसके दुरुपयोग से रोकने के लिए कुछ कुछ सुरक्षा उपायों के साथ बरकरार रखा जाना चाहिए।
बता दें कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को लिखे अपने कवरिंग लेटर में 22वें लॉ कमीशन के अध्यक्ष जस्टिस रितु राज अवस्थी (सेवानिवृत्त) ने कुछ सुझाव भी दिए हैं। हलाकि सुझाव का पूरा ब्योरा अभी सामने नहीं आया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2022, मई के महीने में देशद्रोह कानून को स्थगित कर दिया था। तब राज्य सरकारों से कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार की ओर से इस कानून को लेकर जांच पूरी होने तक इस प्रावधान के तहत सभी लंबित कार्यवाही में जांच जारी न रखें।
अब केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देशद्रोह कानून पर लॉ कमीशन की रिपोर्ट का स्वागत किया है। उन्होंने आज ट्वीट कर कहा है कि सभी से विचार कर इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। सरकार को अब रिपोर्ट मिल गई है तो सभी हितधारकों के साथ बातचीत के बाद जनहित में निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा, “रिपोर्ट में की गई सिफारिशें मददगार हैं लेकिन हम इसे लागू करने के लिए बाध्यकारी नहीं हैं।” वहीं, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने लॉ कमीशन की रिपोर्ट पर कहा कि देशद्रोह मामलों पर आयोग की सिफारिशों से देश में बवाल बढ़ेगा।अब कोई कैसे आवाज उठाएगा और सवाल करेगा।
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “चुनाव नजदीक देखकर विपक्ष को और प्रताड़ित किया जाएगा. कोई भी ऐसा सुरक्षा चक्र नहीं दिया गया है जिससे इसके दुरुपयोग को रोका जा सके। ”
उन्होंने कहा, ”मोदी सरकार आने के बाद से 2020 तक राजद्रोह के मामलों में करीब 30 फीसदी की वृद्धि हुई है। कोरोनाकाल में ऑक्सीजन व अन्य समस्याओं के विरोध के मामले में 12 केस दर्ज हुए. 21 केस पत्रकारों के खिलाफ दर्ज हुए हैं। 27 केस सीएए -एनआरसी के मुद्दे से जुड़े हैं। वहीं, यूपी में इन मामलों की 60फीसदी जमानत याचिकाएं निरस्त होती हैं। ”
आखिर देशद्रोह कानून पर लॉ कमीशन की रिपोर्ट का कानून मंत्री ने क्यों स्वागत किया है ?
Published on