न्यूज़ डेस्क
जंतर -मंतर पर विपक्षी दलों की एकता और निलंबित सांसदों के समर्थन में मोदी सरकार के विरोध में आयोजित प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस ध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार देश के लोकतंत्र को बर्बाद कर तानाशाही पर उतर आई है और उन सब सांसदों को निलम्बित कर दिया जिन्होंने संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर सरकार से सवाल पूछे।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, पार्टी नेता राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा, द्रमुक के तिरुचि शिवा तथा गठबंधन के लगभग सभी घटक दलों के नेताओं ने संसद से सांसदों के निलंबन के खिलाफ यहां जंतर मंतर पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए कहा कि 2024 में मोदी सरकार को मिलकर बाहर का रास्ता दिखाना है और देश को बचाना है इसलिए इंडी गठबंंधन का गठन किया गया है।
खड़गे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, “मोदी जी और अमित शाह जी ने देश के लोकतंत्र और संविधान को खत्म करने का बीड़ा उठाया हुआ है। ये लोग दलितों, मजदूरों, महिलाओं और किसानों को कुचलने का काम कर रहे हैं इसलिए हमने देश को बचाने के लिए इंडी गठबंधन बनाया है। ”
उन्होंने कहा “मैं दलित हूं इसलिए भाजपा सरकार मुझ दलित को बोलने नहीं देती है। उच्च संवैधानिक पद पर बैठे लोग मेरी जाति का नाम लेकर मुझे अपमानित करते हैं। मुझे सदन में नोटिस पढ़ने तक की अनुमति नहीं दी जाती है। भाजपा सरकार दलितों को बोलने नहीं देती है। संविधान में हमें बोलने की आजादी मिली है। ये आजादी हमें महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और डॉ. अंबेडकर जी ने दी है। विपक्षी सांसदों को आपने सदन से बाहर निकाल दिया और सारे प्रस्तावित कानूनों को बिना किसी विरोध के पास कर लिया। ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। हम मोदी सरकार से डरने वाले नहीं हैं। कितनी भी कोशिश करो हमें मिट्टी में दबाने की, हम दबेंगे नहीं क्योंकि हम बीज हैं, बार-बार उगने की आदत है हमको।”
राहुल गांधी ने कहा, “अगर देश की संसद में लोगों की आवाज उठाने की इजाजत नहीं है तो संसद की आवश्यकता ही क्या है। संसद की सुरक्षा में हुई चूक पर पहला सवाल है कि वो अंदर कैसे पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शन क्यों किया। इसका जवाब है -बेरोजगारी। उनका कहना था कि आज हमारे देश का युवा करीब साढ़े सात घंटे मोबाइल में लगा रहता है, इसका कारण है- बेरोजगारी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उनसे रोजगार छीन लिया है।”
उन्होंने मीडिया पर भी हमला किया और कहा, “देश का मीडिया बेरोजगारी की बात नहीं करता है, वह सिर्फ ध्यान भटकाने की कोशिश करता है। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है वे सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि हिंदुस्तान की जनता की आवाज हैं। आपने सिर्फ सांसदों का अपमान नहीं किया बल्कि हिंदुस्तान की जनता का मुंह बंद किया है। मोदी सरकार अग्निवीर योजना लाई और हिंदुस्तान के युवाओं से उनकी देशभक्ति की भावना छीन ली। जब युवा खड़े हुए कि हमें अग्निवीर योजना नहीं चाहिए तो आपने उन्हें डराना शुरू कर दिया। अगर आप सोचते हो कि आप युवा को डरा सकते हैं, तो आपमें हिंदुस्तान की समझ ही नहीं है।”
गांधी ने कहा “यह लड़ाई नफरत और मोहब्बत के बीच में है। हम नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं। भाजपा जितनी नफरत फैलाएगी इंडिया गठबंधन उतनी ही मोहब्बत फैलाएगा।”
येचुरी ने कहा, “पूरे देश में जनतंत्र का कत्ल हो रहा है। अगर देश में जनतंत्र और संविधान को बचाना है तो हमें मोदी सरकार को सत्ता से दूर करना होगा।” डी राजा ने कहा, “हमारे संविधान के प्रमुख वास्तुकार, डॉ. अम्बेडकर जी ने यह स्पष्ट किया कि संसद सर्वोच्च है क्योंकि यह लोगों की संप्रभु इच्छा का प्रतिनिधित्व करती है। यदि संसद निरर्थक हो गई तो लोकतंत्र की हत्या हो जाएगी! क्या हम ऐसी फासीवादी तानाशाही को देश पर कब्ज़ा करने की इजाज़त दे सकते हैं।”
समाजवादी पार्टी के लोकसभा सदस्य एस टी हसन ने कहा, “ये निलंबन सांसदों का नहीं है, बल्कि देश के लोकतंत्र का निलंबन है।लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था पर बुलडोजर चलाकर संदेश दिया गया है कि- आवाज मत उठाना, सवाल मत पूछना.. अगर ऐसा करोगे तो यही हश्र होगा।”
कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा, “मोदी सरकार का अहंकार तोड़ने का समय आ चुका है। मोदी सरकार को लगता है कि सांसदों को निलंबित करके हमें डराया या झुकाया जा सकता है, लेकिन इंडिया गठबंधन न डरा है-न झुका है, हम लड़ाई के लिए तैयार हैं। क्योंकि लड़ाई हमारे खून और इतिहास में है।”