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जेडीयू एमपी में बिगाड़ सकता है इंडिया का चुनावी समीकरण,10 सीटों पर उतारे उम्मीदवार

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बीरेंद्र कुमार झा

नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड(JDU ) ने बिहार के बाहर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए इस बार मध्य प्रदेश में दो सूचियां में 10 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। जेडीयू मध्य प्रदेश में जिन सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उस पर समाजवादी प्रभाव रहा है।यह चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि जेडीयू की उम्मीद थी कि विपक्ष की इंडिया गठबंधन के चलते कांग्रेस के साथ उसका तालमेल हो सकता है, लेकिन कांग्रेस ने इसमें रुचि नहीं दिखाई।

पूर्व जेडीयू नेता शरद यादव का गृह प्रदेश है एमपी

मध्य प्रदेश, जे डीयू के पूर्व नेता शरद यादव का गृह राज्य है इस नाते यहां पर कुछ क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति भी रही है। हालांकि वह उपस्थिति अब इस लायक नहीं है कि जेडीयू को किसी सीट पर जीत दिला सके।लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई में कुछ सीटों के समीकरण को यह जरूर प्रभावित कर सकती है।

जेडीयू ने एमपी में 10 सीटों पर उतारे उम्मीदवार

जेडीयू ने जिन 10 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं उनमें पिछोर,राजनगर, विजय राघवगढ़, धनला, पेटलावद, नरियावली, गोटेगांव, बहोरीबंद व बालाघाट शामिल है।ये सीटें बुंदेलखंड, महाकौशल वह झाबुआ क्षेत्र की है। यहां पर कांग्रेस को जेडीयू के कारण कुछ नुकसान हो सकता है, क्योंकि दोनों ही दल बीजेपी की खिलाफ लड़ाई लड़ रहे होंगे।मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच लगभग सीधा मुकाबला होता है l।ऐसे में दोनों दल किसी अन्य दल के साथ आमतौर पर तालमेल नहीं करते हैं। एनडीए में रहते हुए भी बीजेपी ने पिछले चुनाव में जेडीयू के साथ सीटों पर तालमेल नहीं किया था क्योंकि राज्य में बीजेपी और कांग्रेस में एक एक सीट के लिए लड़ाई होने की संभावना है।

गठबंधन पर नहीं पड़ेगा असर

मध्य प्रदेश में अगर जेडीयू कुछ वोट हासिल कर भी लेती है, तो नजदीकी लड़ाई में वहां के नतीजे पर कोई विशेष असर नहीं पड़ सकता है। जेडीयू का कहना है कि इंडिया गठबंधन की मजबूती के लिए उसे उम्मीद थी कि कांग्रेस उसके साथ तालमेल करेगी,लेकिन उसने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में जदयू को अपने विस्तार और खासकर राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने के लिए दूसरे राज्यों में आगे बढ़ना ही पड़ेगा। उसका कहना है कि इसे लोकसभा चुनाव के लिए किया गया इंडिया गठबंधन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन लोक सभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन में सीटों पर विचार 5 राज्यों में होने वाले चुनाव के बाद ही होगा।

 

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