न्यूज़ डेस्क
”‘उन्होंने धमकाने के लिए गलत व्यक्ति को चुना है। उन्होंने सच में ऐसा किया है। मैंने यहां बैठने के लिए अपने जीवन में सब कुछ छोड़ दिया है। कुछ छोटे झारखंडी पिटबुल सब कुछ खत्म नहीं कर सकते हैं। मैं सच के लिए लड़ना जारी रखूंगी और आप देखेंगे कि 2024 में क्या होता है।” ये शब्द हैं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान ये बाते कही है।
दरअसल महुआ इन दिनों बीजेपी के निशाने पर हैं। अडानी मामले को लेकर वे ज्यादा सवाल पूछती रही है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कुछ बयान और प्रमाण के साथ महुआ पर पैसे लेकर संसद में सवाल करने के आरोप लगाए हैं। महुआ और दुबे में बयानबाजी जारी है।दोनों एक दूसरे पर वार- पलटवार कर रहे हैं। इस बीच, लोकसभा सांसद मोइत्रा ने शुक्रवार को दिए एक इंटरव्यू में कैश फॉर क्वेरी मामले में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि आरोप को कोई भी लगा सकता है, लेकिन उसको साबित करने की जिम्मेदारी हमेशा शिकायतकर्ता की होती है। साथ ही कबूल किया है कि उन्होंने दर्शन हीरानंदानी को अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया था।
मोइत्रा ने कहा कि उन्होंने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया था क्योंकि ऐसा कोई नियम नहीं है कि किसके पास लॉगिन हो सकता है, कौन कर सकता है और कौन नहीं। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी सांसद खुद सवाल नहीं पूछता है। लॉगिन और पासवर्ड उनकी टीम के पास रहते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन एक ओटीपी आता है, जो केवल मेरे फोन पर आता है। यह दर्शन के फोन पर नहीं जाता है।
महुआ मोइत्रा ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘पासवर्ड से सिर्फ लॉगिन नहीं किया जा सकता है। उसके लिए एक ओटीपी आता है और यह केवल मेरे फोन पर आता है। यह दर्शन हीरानंदानी के फोन पर नहीं जाता है। जब मैं ओटीपी देती हूं, तभी प्रश्न दायर किए जाते हैं।’
महुआ मोइत्रा ने कहा कि यह आरोप बड़ा ही हास्यास्पद है कि दर्शन हीरानंदानी ने दुबई से लॉग इन किया और यह सुरक्षा से समझौता है। उन्होंने कहा, ‘एनआईसी लॉगिन में कोई नियम नहीं है कि कौन लॉगिन कर सकता है या नहीं। हर सांसद के प्रश्न उनकी बड़ी टीमों को दिए जाते हैं। आप कह रहे हैं कि मैंने इसे एक विदेशी संस्था को दे दिया है। दर्शन हीरानंदानी एक मित्र हैं और एक भारतीय नागरिक हैं। उनका पासपोर्ट सार्वजनिक कर दिया गया है।’
मोइत्रा ने कहा, ‘मैंने खुद स्विट्जरलैंड से लॉगिन किया है। मेरी बहन के बच्चे ने भी कैम्ब्रिज से लॉगिन किया है और मेरे प्रश्न टाइप किए हैं। अगर एनआईसी का प्रश्न-उत्तर पोर्टल इतना सुरक्षित है, तो आप आईपी पते को इसमें प्रवेश करने से क्यों नहीं रोकते? उन्होंने कहा कि दर्शन हीरानंदानी को उनसे सवाल पूछने की जरूरत नहीं है। हर सवाल आरटीआई के लिए सक्षम है।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने दर्शन से कहा कि वह अपने कार्यालय से कुछ सहायकों को सवाल पूछने के लिए दें। क्योंकि मेरे पास इतना समय नहीं था कि मैं लिख पाती। लेकिन यह आरोप कि हीरानंदानी ने लॉगिन करके सवाल दायर किए, यह गलत है। क्योंकि ओटीपी मेरे मोबाइल नंबर पर आता है। हर सवाल मेरे द्वारा लिखा गया है और मैं उन लोगों में से एक हूं जो अपना काम करते हैं। यही कारण है कि केवल 61 सवाल ही हैं।’

