बीरेंद्र कुमार झा
इजराइल पर हमास के अचानक हुए हमले ने उसकी उस सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं,जिसे पूरी दुनिया अभेद्य मानती थी। इस बीच भारत भी हमास जैसे किसी आतंकी हमले या सीमा पार से होने वाली हरकत को रोकने के लिए ड्रोन की तैयारी कर रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने अपनी सीमाओं पर सर्विलेंस सिस्टम सेट करना प्रारंभ कर दिया है। इसके तहत स्वदेशी ड्रोन लगाए जा रहे हैं ,ताकि निगरानी मजबूत रहे और तत्काल किसी भी हरकत का जवाब दिया जा सके।पूरे मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक रक्षा अधिकारियों ने पिछले दिनों सर्विलांस से जुड़ी चीज और ड्रोन तैयार करने वाली 6 कंपनियों के लोगों से मुलाकात की थी। अब इन कंपनियों को अगले महीने तक आर्डर मिल सकते हैं।
अगले वर्ष तक सर्विलेंस सिस्टम सेट कर लेने का है लक्ष्य
सूत्रों के मुताबिक सेना चाहती है कि अगले साल तक सीमाओं पर चौकसी मजबूत कर ली जाए और सर्विलेंस सिस्टम जमा लिया जाए। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते खराब चल रहे हैं। इसके अलावा लद्दाख में भारत और चीन की सेना का बड़े स्तर पर जमाबड़ा कई सालों से बना हुआ है। यूक्रेन युद्ध के बाद ही नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी और कुछ सुधारो पर कदम आगे बढ़ाए थे ।अब हमास के सरप्राइज़ अटैक ने इन सुधारो में तेजी लाने के लिए प्रेरित किया है।
डेढ़ साल में पूरा होगा मिशन,पहले भी झेल चुका है सरप्राइज अटैक
दरअसल भारत पहले भी सरप्राइज अटैक का सामना कर चुका है। 2008 में मुंबई में पाक से आए आतंकियों ने भीषण हमला बोला था। इस घटना में 166 लोग मारे गए थे। इजराइल पर हुए हमास के हमले की भी इससे तुलना की जा रही है।भारत के आगे इन दोनों ड्रोन वाॅरफेयर भी एक चुनौती बना हुआ है।पंजाब से लेकर जम्मू कश्मीर तक पाकिस्तान से आने वाला ड्रोन अक्सर हथियार और ड्रग्स गिराते रहते हैं।भारतीय सेना को करीब डेढ़ साल का वक्त सीमा पर सर्विलेंस सिस्टम को मुस्तैद करने में लगेगा और इसमें 500 मिलियन डॉलर सालाना खर्च आ सकता है।
स्वदेशी पर ही भरोसा, आत्मनिर्भरता के लिए 250 अरब डॉलर का बजट
जानकारों का कहना है कि भारत का जोर स्वदेश में बने ड्रोन और तकनीक पर ही है।ऐसे में सीमा पर तैनात होने वाले ड्रोन और उनको सपोर्ट करने वाले सॉफ्टवेयर स्थानीय स्तर पर ही विकसित किया जाएगा। दरअसल हथियारों को लेकर भारत की रूस पर निर्भरता रही है, लेकिन अब भारत हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होने का प्लान तैयार कर रहा है। इसके लिए 250 अरब का बजट तय किया गया है।यह सर्विलेंस सिस्टम तैयार होने के बाद भारत 14000 मील की अपनी सीमा की मजबूती से निगरानी कर सकेगा।