न्यूज़ डेस्क
हमास के हमले के बाद इजरायल ने सोमवार को ऱाफा में जोरदार हमला किया था जिसमें 45 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए थे। लेकिन अब इजरायल के प्रधानमंत्री इस पर अफसोस जता रहे हैं और बयान दे रहे हैं कि उनसे बहुत बड़ी गलती हो गई।
बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायली संसद में कहा कि ऱाफा में इजरायल ने पहले लगभग दस लाख नागरिकों को निकाल लिया था ताकि हमले में उन्हें कोई नुकसान ना पहुंचे लेकिन सेना की तमाम कोशिशों के बावजूद दुर्भाग्य से ये बड़ी गलती हो गई लेकिन हम इस घटना कू पूरी जांच कर रहे हैं।
संसद में नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सेना गाज़ा में भीषण जंग लड़ रही है लेकिन वहां जो नागरिक फंसे हुए हैं उनकी सुरक्षा भी सबसे पहले है, जंग में भी ये ध्यान दिया जाए उन नागरिकों को कोई नुकसान ना पहुंचे। सेना को ये ध्यान देना चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए।
बता दें कि 5 महीने बाद रविवार को हमास ने इजरायल पर फिर से रॉकेट से हमला कर दिया था, जिसके जवाब में इजरायल ने गाज़ा में हमले तेज कर दिए थे। सोमवार को राफा पर इजरायल की एयर स्ट्राइक में कम से कम 45 फिलिस्तीनी मारे गए, इनमें 23 महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग थे।
ये हमला राफा के तेल अल-सुल्तान इलाके में हुआ, जहां 10 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनियों ने शरण ले रखी है। इसके अलावा गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायली हमलों में अब तक लगभग 36 हजार फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं।
इजरायल की सेना के एक रिजर्व सैनिक ने विद्रोह करने की धमकी दी है। सैनिक ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा है गाजा में ‘पूर्ण विजय’ से पहले अगर लड़ाई खत्म की गई और उनको वापस आने के लिए कहा गया तो ठीक नहीं होगा।
ऐसी स्थिति में वह अपने अफसरों और रक्षा मंत्री योव गैलेंट के आदेशों को नहीं मानेगा और जंग जारी रखेगा। वीडियो में इस सैनिक ने ये भी कहा कि वह फिलिस्तीनियों को पूरी तरह खत्म कर देना चाहता है। इजरायली रक्षा बल ने सैनिक की पहचान कर ली है और मामले की जांच की जा रही है।