न्यूज़ डेस्क
मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को गुजरात हाई कोर्ट ने आज अंतरिम राहत देने से इंकार क्र दिया। कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने की रोल की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि मामले की अंतिम सुनवाई पूरी होने के बाद ही अंतिम फैसला देना उचित होगा। जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने साफ किया कि सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लेंगे। छुट्टी के दौरान कोर्ट फैसला लिखेगी।
आज जस्टिस हेमंत एम. प्रच्छक की पीठ के समक्ष शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता निरुपम नानावटी पेश हुए। उन्होंने कहा कि अपराधों की गंभीरता, सजा इस स्तर पर नहीं देखी जानी चाहिए। उनकी (राहुल गांधी) अयोग्यता कानून के तहत हुई है। इस बीच, जज ने एक आदेश पारित किया जिसमें ट्रायल कोर्ट को उनके सामने मूल रिकॉर्ड और मामले की कार्यवाही पेश करने का निर्देश दिया गया।
उधर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मानहानि के मामले में मुझे (राहुल गांधी) अभी तक सजा नहीं मिली है, अगर ऐसी सजा होती भी है तो 3-6 महीने की सजा दी जाती है। मैं (राहुल गांधी) पहली बार का अपराधी हूं और मुझे एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम सजा दी गई है, जो समाज के खिलाफ नहीं है। न्यायिक त्रुटि यह है कि ट्रायल कोर्ट का कहना है कि मुझे (गांधी) राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी। सिंघवी ने मामले में अंतरिम सुरक्षा मांगी। जस्टिस हेमंत ने राहुल गांधी को अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार किया और दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। छुट्टी के बाद फैसला सुनाया जाएगा।


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