कांग्रेस पार्टी को इन दिनों बड़े-बड़े झटके लग रहे हैं।कभी मिलिंद देवड़ा जैसे संगठन से जुड़ा बड़ा नेता कांग्रेस छोड़ रहा है, तो कभी कांग्रेस पार्टी की तरफ से किसी राज्य में मुख्यमंत्री तक की कुर्सी संभालने वाले अशोक चौहान जैसे नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस को एक बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में भी लगा है। यहां पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री ने कांग्रेस का दामन छोड़कर लखनऊ में बीजेपी का दामन थाम लिया है। विभाकर शास्त्री ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामा।बीजेपी की सदस्यता के ग्रहण करने के बाद विभाकर शास्त्री ने सभी पदाधिकारियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाल बहादुर शास्त्री के जय जवान जय किसान की दृष्टिकोण को और मजबूत करके देश की सेवा कर सकूंगा।
इंडिया गठबंधन की कोई विचारधारा नहीं
विभाकर शास्त्री ने कहा कि बीजेपी के दरवाजे खोलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, नड्डा जी,अमित शाह जी,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और बृजेश पाठक के प्रति में आभार व्यक्त करना चाहता हूं।उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के नेतृत्व में निर्देशों के अनुसार काम करूंगा। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की कोई विचारधारा नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य मोदी जी को सत्ता से हटाना है। राहुल जी को बताना चाहिए कि कांग्रेस की विचारधारा क्या है।
बुधवार को कांग्रेस से दिया इस्तीफा
भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से पहले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र विभाकर शास्त्री ने आज बुधवार को ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था। उन्होंने सोशल मीडिया मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संबोधित पोस्ट में अपने त्यागपत्र की घोषणा की।विभाकर शास्त्री ने कहा की सम्माननीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी, मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।विभाकर शास्त्री कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव रहे हैं।