बीरेंद्र कुमार झा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता के लिए सही समय पर,सही देश है। इसका कारण बताते हुए उन्होंने भारत की विविधता और इसकी असाधारण सफलताओं को इसका श्रेय दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि पिछले वर्ष जब भारत को जी – 20 की अध्यक्षता मिली तो उस समय दुनिया असंख्य चुनौतियों का सामना कर रही थी।
जी -20 की भारत की अध्यक्षता के प्रति नजरिया
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि भारत ने जी – 20 की अध्यक्षता ऐसे समय में संभाली है, जब दुनिया यूक्रेन युद्ध के परिणामों समेत कई चुनौतियों का सामना कर रही है।हमने पिछले 12 महीने में मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता में तेजी से बढ़ोतरी होते हुए देखा है।हम जलवायु परिवर्तन से निपटने जैसे मुद्दों का भी सामना कर रहे हैं।अपने कद विविधता और अपनी असाधारण सफलता के कारण भारत G-20 की अध्यक्षता के लिए सही समय पर,सही देश है।मैं पिछले 1 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करता हूं।भारत को इस तरह का वैश्विक नेतृत्व करते हुए देखना मेरे लिए एक सुखद अनुभूति है।
यूक्रेन युद्ध से हुई उथल-पुथल वाली पृष्ठभूमि में भारत – ब्रिटन सहयोग
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि आज जो संबंध भारत और ब्रिटेन के बीच है ,उससे कहीं ज्यादा संबंध दोनों देशों के भविष्य को परिभाषित करेंगे। हमने इस रोड मैप के तहत पहले ही बहुत कुछ हासिल कर लिया है, जिसमें उच्च शिक्षा योग्यता की पारस्परिक मान्यता, युवा पेशेवरों में के लिए नए वीजा मार्ग और टेस्को,डेलिवरू, रिवॉलट जैसे ब्रिटिश कंपनियों सहित अरबों नए निवेश के सौदे शामिल हैं। हमारा व्यापार संबंध पहले से ही सालाना 3.5 लाख करोड रुपए का है। मैं चाहता हूं कि यह संख्या और अधिक हो।
ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियां
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बताया कि ब्रिटेन में किसी तरह का उग्रवाद स्वीकार नहीं है। हम खालीस्तान ,समर्थक उग्रवाद के खतरे से निपटने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ब्रिटेन की पुलिस हिंसा गतिविधियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
हिंदी – प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत और ब्रिटेन के बीच रणनीतिक संबंध
हिंद – प्रशांत क्षेत्र की रणनीति को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा वर्ष 2021 में प्रकाशित ब्रिटेन की रणनीति ने ब्रिटेन और दुनिया के लिए हिंद- प्रशांत क्षेत्र के रणनीतिक महत्व कोsanska ित किया था।यह इतना महत्वपूर्ण है कि हमने इस साल भी इसकी पुष्टि की है ,जब हमने विदेश नीति का एक ताजा संस्करण प्रकाशित किया है। हिंद – प्रशांत के लिए हमारी प्रतिबद्धता कहीं नहीं जा रही है, ठीक वैसे ही जैसे यह क्षेत्र कहीं नहीं जा रहा है।मैं निश्चित तौर पर हिंद- प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ मिलकर और अधिक काम करने की संभावना देखता हूं।