बीरेंद्र कुमार झा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय आसियान सम्मेलन में हिस्सा लेने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पहुंचे हैं।प्रधानमंत्री ने यहां अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को संबोधित करते हुए वन अर्थ वन फैमिली की थीम पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि आसियान का भारत की हिंद प्रशांत पहल में प्रमुख स्थान है।हमारी साझेदारी अब चौथे दशक में पहुंच रही है। आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का केंद्रीय स्तंभ है।उन्होंने कहा कि वैश्वीक अनिश्चितता के माहौल के बावजूद हमारे बीच आपसी सहयोग लगातार बढ़ रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी एशिया की सदी है।जी-20 में भी हमारी थीम वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर है। आसियान सम्मेलन के सफल आयोजन पर उन्होंने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो का अभिनंदन किया।गौरतलब है कि चीन के राष्ट्रपति एशियाई सम्मेलन में भी नहीं पहुंचे हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का इतने व्यस्ततम समय में भी वहां पहुंचना बड़ा मायने रखता है।
जी-20 की थीम से चढ़ता है चीन
चीन इस बार की जी 20 की थीम से काफी चिढ़ा हुआ है। बीजिंग ने कहा था कि भारत का थीम एक पृथ्वी , एक परिवार,एक भविष्य उसके वन बेल्ट वन रोड से प्रेरित है!हालांकि भारत ने यह थीम वसुधैव कुटुंबकम से प्रेरित होकर रखी है।चीन के विशेषज्ञों ने कहा था कि वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ दुनिया एक परिवार होता है ।लेकिन भारत ने अपने थीम में एक भविष्य को भी जोड़ा है जो कि इसका हिस्सा नहीं है।
आसियान सम्मेलन में जापान, साउथ कोरिया ऑस्ट्रेलिया और भारत मौजूद है। जापान,भारत और ऑस्ट्रेलिया क्वाड का भी हिस्सा है जो कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में बड़े सहयोगी के रूप में सामने आए हैं ।हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने के मंसूबों पर पानी फिरता देख चीन इस संगठन से भी चिढ़ता है ।वहीं दक्षिणी चीन सागर पर भी हक जताने की वजह से चीन कई देशों के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है।