विकास कुमार
महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोर शोर से हो रही है कि सेलिब्रिटी मैनेजर दिशा सालियान की मौत की जांच के लिए सरकार एक विशेष जांच दल का गठन कर सकती है। सरकार के इस फैसले से उद्धव ठाकरे की चिंता बढ़ गई है। एसआईटी से दिशा सालियान की संदिग्ध मौत में आदित्य ठाकरे की संलिप्तता की जांच करने की उम्मीद है। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से एक हफ्ते पहले मलाड में दिशा सालियान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
मुंबई पुलिस अब दिशा सालियान केस की एसआईटी से जांच की घोषणा कर सकती है। शिवसेना (यूबीटी) के विधायक सचिन अहीर ने कहा कि पार्टी किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार है। उनके सहयोगी सुनील प्रभु ने एसआईटी की आलोचना की है। प्रभु का कहना है कि सरकार विपक्षी नेताओं से ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ ले रही है। वहीं बीजेपी विधायक नितेश राणे ने सालियान मामले को गंभीर बताया है। राणे ने कहा कि दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए।
वहीं नितेश राणे का कहना है कि महा विकास अघाड़ी सरकार दिशा सालियान मामले में ढाई साल तक चुप रही और सालियान मामले की एसआईटी जांच का आदेश देने में विफल रही। वहीं संजय राउत ने राज्य सरकार पर हमला किया है। राउत का कहना है कि सरकार इस मामले में सफल नहीं होगी क्योंकि मुंबई पुलिस पहले ही जांच कर चुकी है। हालांकि एसआईटी की जांच के बाद ही पता चलेगा कि आदित्य ठाकरे पर लगे आरोप कितने गंभीर हैं।