न्यूज डेस्क
मिजोरम के आइजोल जिले में चक्रवात रेमल के कारण हुई भारी बारिश के बाद खदान ढ़ह गयी है इस हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कई अन्य लोगों के लापता होने की भी खबर सामने आ रही है। पुलिसकर्मी बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। भारी बारिश के कारण नदियों का स्तर भी बढ़ चुका है। नदी किनारे रहने वाले लोगों को अपने घरों से निकलकर सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ रहा है। राज्य की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री लालडुहोमा ने बैठक बुलाई।
इस हादसे की जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन और पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अब तक दस शव बरामद किए जा चुके हैं और कई अन्य लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। मलबे में फंसे हुए लोगों को निकालने की कोशिश में जिला प्रबंधन के अधिकारी व कर्मी, पुलिस व अन्य स्थानीय लोग जुटे हुए हैं।
राहत कर्मियों को भारी बारिश और तेज हवा से बचाव कार्यों में परेशानी आ रही हैै। प्रशासन का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि मलबे के नीचे कितने लोग फंसे हुए हैं।जबकि अधिकारियों के अनुसार, पीड़ितों में से सात स्थानीय बताए जा रहे हैं, जबकि बाकी लोग राज्य के बाहर के हैं।
वहीं दूसरी ओर, कई अन्य जिलों से बारिश के कारण भूस्खलन की खबरें सामने आ रही हैं और अन्य जगहों पर कम से कम दो लोगों की मौत होने की खबर आ रही है। जिलों के बीच वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। भारी भूस्खलन और भारी बारिश के कारण कई इमारतें, घर, सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
पहाड़ी राज्य की जीवन रेखा राष्ट्रीय राजमार्ग 6 पर कई जगह भूस्खलन के कारण मिजोरम की राजधानी आइजोल देश के बाकी हिस्सों से कट गया है। मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने राज्य के गृह मंत्री के. सपडांगा, मुख्य सचिव रेनू शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक करते हुए स्थिति की समीक्षा की।
मिजोरम के मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए 15 करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की है और भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की बात कही है। भारी बारिश के चलते सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं और आपातकालीन और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मचारियों को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है।