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क्या कर्नाटक चुनाव से पहले बीजेपी येदियुरप्पा की कर सकती है ताजपोशी ?

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न्यूज डेस्क
कर्नाटक में क्या बीजेपी मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को हटाकर फिर से येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाएगी और फिर येदी के नेतृत्व में चुनाव लडेगी ? हालाकि कर्नाटक में चुनाव के मात्र चार महीने बाकी हैं लेकिन बीजेपी के भीतर सबसे ज्यादा बवंडर कर्नाटक को लेकर ही जारी है। हालांकि इस साल करीब दस राज्यों में चुनाव होने है लेकिन बीजेपी को कर्नाटक को चिंता सबसे ज्यादा है, वजह भी है। कर्नाटक बीजेपी के लिए दक्षिण का प्रवेश द्वार है। यही से बैठकर बीजेपी दक्षिण के सभी राज्यों पर नजर रखती है और चुनावी खेल करती है।

पिछले चुनाव में बीजेपी के हाथ से कर्नाटक निकल ही गया था लेकिन खेला के जरिए बीजेपी सत्ता पाने में सफल हो गई थी।लेकिन इस बार बीजेपी को नापने के लिए कांग्रेस भी ताकत के साथ खड़ी है। जिस लिंगायत वोट पर बीजेपी को यकीन है वह अब बीजेपी से निकलती नजर आ रही है और जबसे बीजेपी ने येदियुरप्पा को साइड लाइन किया है तब से बीजेपी से लिंगायत नेताओं का पलायन जारी है। हालांकि इस समाज से आने वाले अधिकतर विधायक आज भी बीजेपी के साथ है लेकिन जिस तरह से 39 से ज्यादा विधायकों ने बीजेपी आला कमान को लिखित में येदियुरप्पा की मांग की है बीजेपी की सांसे फूल गई है। विधायको ने साफ कहा है कि चुनावी रैली में और कौन से नेता शामिल होते है इसका कोई महत्व नहीं है लेकिन येदियुरप्पा शामिल नहीं होंगे तो चुनाव जीतना असंभव है।

ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि येदियुरप्पा की फिर से ताजपोशी जो सकती है और बोम्मई की विदाई। लेकिन इसमें भी ज्यादा लाभ बीजेपी को नही कांग्रेस को हो सकता है।
कर्नाटक में येदियुरप्पा और बोम्मई की अलग अलग राजनीति है और फोन एक दूसरे के विरोधी भी। बोम्मई समर्थक लोग उनके नेतृत्व में चुनाव चाहते हैं तो येदियुरप्पा समर्थक नेता उनके नेतृत्व में चुनाव चाहते हैं। बीजेपी आलाकमान कोई भी त्वरित फैसला लेने की स्थिति में नही है।

कर्नाटक बीजेपी में येदियुरप्पा समूह में बड़े पैमाने पर लिंगायत विधायक शामिल हैं। इन विधायकों का कहना है जुलाई 2021 में बोम्मई के लिए रास्ता बनाने के लिए येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद हमें दरकिनार कर दिया गया है। राज्य के चुनावों के करीब आने के साथ ही येदियुरप्पा ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की रैलियों से दूर रहकर अपनी नाराजगी जाहिर की है।जिसके बाद शनिवार को येदियुरप्पा ने विधानसभा चुनाव के लिए अमित शाह के दौरे के अवसर पर उत्तरी कर्नाटक में एक कार्यक्रम में भाग लिया।

इसके बाद भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के मौके पर दिल्ली में येदियुरप्पा और पीएम मोदी के बीच एक बैठक हुई, जहां येदियुरप्पा समूह की कुछ चुनाव पूर्व चिंताओं को संबोधित किया गया था। भाजपा उपाध्यक्ष और येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र ने शुक्रवार को कहा की कि येदियुरप्पा पर हमला करना कर्नाटक में भाजपा पर हमला करने जैसा होगा। उन्होंने कहा, “अगर येदियुरप्पा पर कोई पत्थर फेंकेगा तो इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा। हर किसी को इसे समझना चाहिए और मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में वे समझ जाएंगे।”

अब आगे की राजनीति क्या होगी बीजेपी को तय करना है।बीजेपी जान चुकी है कि येदियुरप्पा को अलग रखकर कुछ नही किया जा सकता। और बदलाव नहीं हुए तो कांग्रेस को आने से कोई रोक भी नही सकता।

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