न्यूज़ डेस्क
शहरो के नाम बदलने की राजनीति के साथ ही महाराष्ट्र में भी चुनावी दुदुम्भी बजने लगी है। अभी कुछ ही महीने में यहां नगर निगम के चुनाव होने हैं इसके बाद अगले साल लोकसभा के चुनाव। महाराष्ट्र की राजनीति अब बदल सी गई है। बीजेपी शिवसेना का गठबंधन तो पहले ही टूट चुका था अब शिवसेना में भी दो फाड़ हो चुका है और बीजेपी के साथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना चली गई है। महाराष्ट्र में अभी इसी की सरकार है। लेकिन खेल कुछ बड़ा ही दिख रहा है। केंद्र सरकार ने दो पुराने शहरो के नाम बदलने की अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि नाम बदलने को लेकर काफी समय से मांग की जाती रही है लेकिन अब जाकर सरकार ने यह फैसला किया है। कहा जा रहा है कि आगामी चुनाव में इसके असर होंगे। केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार, औरंगाबाद को अब ‘छत्रपति संभाजीनगर’ और उस्मानाबाद को ‘धाराशिव’ के नाम में जाना जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे संभव बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है। फडणवीस ने ट्वीट में इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आखिरकार यह कर दिखाया। वहीं सीएम एकनाथ शिंदे ने भी ट्वीट कर पीएम और गृहमंत्री का आभार जताया है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला महाराष्ट्र सरकार द्वारा 20 अक्टूबर 2022 को केंद्र सरकार को भेजे गए नामों के परिवर्तन के प्रस्ताव पर लिया गया है, जिसे राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई थी। उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार गिरने से पहले मुख्यमंत्री के रूप में अपनी आखिरी कैबिनेट बैठक में दोनों शहरों के नाम बदलने का फैसला लिया था। हालांकि महा विकास अघाड़ी की सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी कथित तौर पर इस फैसले से खुश नहीं थे।
इसके बाद शहरों के नाम बदलने का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट भी पहुंचा था। जिसमें हाईकोर्ट ने 1 फरवरी को दोनों शहरों के नाम बदलने के कैबिनेट के फैसले पर तत्काल कोई रोक लगाने की याचिकाकर्ताओं की मांग को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। यहां बता दें कि इन दोनों शहरों के नाम बदलने की मांग सबसे पहले दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने उठाई थी।