न्यूज़ डेस्क
आँध्रप्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की सरकार से रामोजी राव की नहीं बनती थी। सरकार और रामोजी राव के बीच हमेशा अनबन की स्थिति बनी रहती थी और इस बार जो चुनावी परिणाम आँध्रप्रदेश में दो देखने को मिले हैं उसमे राव की भूमिका सबसे ज्यादा मानी जाती है।
सच तो यही है कि राव आंध्र प्रदेश की राजनीति में मजबूत पकड़ रखते थे और सच तो यही ही कि इस बार जगन मोहन रेड्डी की पार्टी की जिस तरह से हार हुई है और टीडीपी को अपार सफलता मिली है उसमे रामोजी राव की बड़ी भूमिका मानी जाती है।
बता दें कि हालिया आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने लोगों को चौंकाया। जगन मोहन रेड्डी की पार्टी 151 सीटों से इतनी तेजी से नीचे उतरी कि मात्र 11 सीटों पर सिमट गई। इस जीत के चेहरे चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण हैं, लेकिन एक और बड़ा चेहरा है, जिसने जगन मोहन रेड्डी सरकार के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वह रामोजी राव थे।
दरअसल, जगन मोहन के पिता स्वर्गीय वाईएसआर ने साक्षी अखबार और चैनल का इस्तेमाल करके ईनाडु और ईटीवी को बदनाम करने की कोशिश की, लेकिन रामोजी राव ने उनका डटकर सामना किया। हिसाब बराबर करने से पहले वाईएसआर की हादसे में मौत हो गई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिता के जाने के बाद जगन मोहन रेड्डी मुकाबले में उतर आए। हालांकि जगन ने शुरू में रामोजी राव को खुश करने की कोशिश भी की, लेकिन रिश्ते सुधर नहीं पाए। जगन की एक तस्वीर भी वायरल हुई थी, जिसमें वे एक निजी समारोह में हाथ जोड़कर रामोजी राव का अभिवादन करते दिखे, लेकिन रामोजी राव एक सिद्धांतवादी व्यक्ति थे और उन्होंने हमेशा सरकार के अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
जगन ने उंडावल्ली अरुण कुमार की मदद से ईनाडु ग्रुप को टारगेट किया। ग्राहकों को डराकर अपना पैसा वापस मांगने के लिए उकसाया। पूछताछ के नाम पर सीआईडी ने रामोजी राव के घर में घुसकर उन्हें और उनकी बहू शैलजा को खूब परेशान किया। जगन इस स्तर तक गिर गए कि उन्होंने 80 वर्षीय रामोजी राव की तस्वीर लीक कर दी, जो अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए थे।
वहीं जगन को यह नहीं मालूम था कि रामोजी राव को नाराज करना उनकी सबसे बड़ी गलती थी। ईनाडु ने जगन मोहन रेड्डी के लिए की छवि बिगाड़ने के लिए काम किया। आदर्श विपक्ष की भूमिका भी निभाई। दुनिया को दिखाया कि अत्याचारी शासन गलतियों और भ्रष्टाचार से भरा हुआ है। रामोजी राव ने आंध्र प्रदेश में जो हो रहा है, उसका आईना दुनिया को दिखाया। मीडिया के इस दिग्गज ने सरकारी विज्ञापन लेना भी बंद कर दिया और इस पर कोई आपत्ति भी नहीं जताई।
ईनाडु की लोगों के बीच बहुत अधिक विश्वसनीयता है। जगन को यह बात तब पता चल जानी चाहिए थी, जब उनके उत्पीड़न के बावजूद किसी भी ग्राहक ने विरोध प्रदर्शन नहीं किया।