लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले विपक्षी राजनीतिक दल के नेताओं ने इंडिया गठबंधन बनाया था ताकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को केंद्र की सत्ता से उतार सके।हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान भी कई राज्यों में आपसी तालमेल नहीं बिठा पाने की वजह से केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए की ही सरकार बन गई,और इंडिया गठबंधन अपने मुकाम तक पहुंचने में नाकाम रही।अलबत्ता इस चुनाव में कांग्रेस गठबंधन की वजह से अपने सांसदों की संख्या को तेजी से बढ़ाते हुए 99 तक ले गई।लेकिन लोकसभा की नाकामी से इंडिया गठबंधन ने कोई सबक लिया हो ऐसा नहीं दिखता।कम से कम हरियाणा के विधान सभा चुनाव में तो बिलकुल ही नहीं।यहां तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक दूसरे को चुनौती देता नजर आ रहा है।
कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए दो उम्मीदवारों की पांचवीं सूची गुरुवार सुबह जारी की।इससे पहले पांच उम्मीदवारों के नामों की चौथी सूची जारी की गई थी।इसके साथ ही कांग्रेस द्वारा घोषित उम्मीदवारों की कुल संख्या 88 हो गयी थी।
कांग्रेस ने हालांकि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की प्रत्याशा में 4 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं किए थे,लेकिन बात बनते न देख कुछ ही देर बाद दो सीट पर और उम्मीदवार उतार दिए।कुछ सीटों पर अंतिम समय में तालमेल की संभावना को लेकर अटकलें तेज हो चली थी,लेकिन इस बीच रात दो बजे के करीब आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस की उम्मीद पर पानी फेरते हुए उम्मीदवारों की छठी सूची जारी कर दी।अंतत: कांग्रेस को भी शेष सीट पर उम्मीदवार उतारने पड़े। इसके साथ ही पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच गठबंधन की जो अटकलें लगाई जा रही थी वह खत्म हो गई।अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी अब तक 89 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।गौरतलब है कि नामांकन पत्र दाखिल करने का गुरुवार को आखिरी दिन है।
हालांकि हरियाणा विधान सभा चुनाव में जहां 5 अक्टूबर को सभी 90 विधानसभा सीट पर एक चरण में मतदान होना है,उसके लिए कांग्रेस ने सभी सीटों और आम आदमी पार्टी ने 89 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए है।लेकिन अभी भी अगर इन्हें यह लगा की इनके वोटों के बिखराव से बीजेपी को फायदा हो जाएगा तो नाम वापसी तक तालमेल बिठाने का एक मौका इनका पास अभी है।अब देखना दिलचस्प है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आगे भी अलग – ही चुनाव लड़ती है या इनमे कोई तालमेल होता है।