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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 28 अप्रैल को सेंटो डोमिंगो में कहा कि चीन के साथ सीमा प्रबंधन समझौतों के उल्लंघन के कारण भारत-चीन के संबंध असामान्य हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर 28 अप्रैल को सेंटो डोमिंगो पहुंचे थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि विशिष्टता की मांग किए बिना सभी देशों के साथ उसके संबंध बढ़ते रहें। उन्होंने कहा, हालांकि चीन द्वारा सीमा प्रबंधन समझौतों का उल्लंघन किए जाने के परिणामस्वरूप पेइचिंग के साथ भारत के ‘असामान्य’ प्रकृति के संबंधों के कारण वह एक अलग श्रेणी में आता है।
डॉमिनिक गणराज्य की पहली आधिकारिक यात्रा पर सेंटो डोमिंगो पहुंचे जयशंकर ने शुक्रवार को डिप्लोमैटिक स्कूल के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, भारत ने क्षेत्र में कनेक्टिविटी, संपर्क और सहयोग में नाटकीय विस्तार देखा है। हालांकि, पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के कारण इसका अपवाद रहेगा।
जयशंकर ने कहा, चाहे अमेरिका, यूरोप, रूस या जापान हो, हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि ये सभी संबंध बिना विशिष्टता की मांग किए बढ़ें। चीन हालांकि, सीमा विवाद और हमारे संबंधों की असामान्य प्रकृति के कारण अलग श्रेणी में आता है। यह उसके द्वारा सीमा प्रबंधन के संबंध में समझौतों के उल्लंघन का नतीजा है। भारत पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन द्वारा बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती और उसके आक्रामक रवैये की आलोचना करता रहा है।
विदेशमंत्री ने कहा, भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकताएं जाहिर तौर पर उसके पड़ोस में हैं। उसके आकार और आर्थिक शक्ति को देखते हुए यह सामूहिक लाभ की बात है कि भारत छोटे पड़ोसी देशों के साथ सहयोग के लिए उदार और गैर-पारस्परिक रवैये को अपनाता है और हमने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में यही किया है।