न्यूज डेस्क
यूरोपीय संघ (ईयू) चुनावो में धुर दक्षिणपंथी दलों ने कई देशों की सत्तारूढ़ सरकारों को भारी नुकसान पहुंचाया और संसदीय चुनावों में बड़ी सफलता हासिल की है। इतना ही नहीं रविवार को हो हुए इस चुनाव में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भी करारी हार का सामना करना पड़ा है।
कुल 27 सदस्य देशों वाले यूरोपीय संघ में सत्ता की चाबी कई दलों के हाथों में खिसकती हुई नजर आई और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी की सीट यूरोपीय संघ संसद में दोगुनी हो गयी हैं। वहीं जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी ने देश के चांसलर ओलाफ शोल्ज की सोशल डेमोक्रेट्स पार्टी को मात देने के लिए पर्याप्त सीटें जुटा लीं हैं।
धुर दक्षिणपंथी दलों के हार के खतरे को भांपते हुए यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेन की पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स ने चुनावों से पहले ही प्रवासन और जलवायु के मुद्दे पर और अधिक दक्षिणपंथी रुख अपना लिया था। इसके कारण 720 सीट वाली यूरोपीय संसद में उनकी पार्टी अब तक की सबसे बड़ी पार्टी बने रहने के रूप में सफल साबित हुई। यूरोपीय संघ के 27 देशों में ये चार दिवसीय चुनाव,भारत के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव माना जाता है।
मेलनी की ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी ने ईयू के चुनाव में इटली में 28.8 फीसदी वोट हासिल किए हैं। वो जिस गठबंधन में हैं उसमें शामिल फ्रोजा इटालिया पार्टी को 9.6 फीसदी व लेगा पार्टी को 9.1 फीसदी वोट मिले हैं। अब गठबंधन में मेलनी की स्थिति और मजबूत हुई है।
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने यूरोपीय संसद के लिए चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद नेशनल असेंबली भंग कर मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा कर दी है। राष्ट्रपति भवन के नाम संबोधन में मैक्रों ने कहा, मैंने संसदीय चुनाव कराने का फैसला किया है, इसलिए नेशनल असेंबली भंग कर रहा हूं।