न्यूज डेस्क
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ और भारतीय नौसेना को एक बड़ी सफलता मिली है। डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने शनिवार को बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के तट से समुद्र-आधारित एंडो-एटमोस्फेरिक इंटरसेप्टर मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया है। रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, परीक्षण का उद्देश्य एक शत्रुतापूर्ण बैलिस्टिक मिसाइल खतरे को शामिल करना और बेअसर करना था। इससे देश को नौसेना बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा (BMD) क्षमता वाले देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल किया जा सके।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उपलब्धि हासिल करने के लिए डीआरडीओ और भारतीय नौसेना को बधाई दी। राजनाथ के अलावा डीआरडीओ प्रमुख समीर वी कामत ने भी मिसाइल के डिजाइन और विकास में शामिल टीमों की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि देश ने अत्यधिक जटिल नेटवर्क-केंद्रित एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम विकसित करने में आत्मनिर्भरता हासिल की है।
संयुक्त राज्य अमरीका, रूस, इज़राइल और चीन सहित केवल कुछ ही देशों में बीएमडी सिस्टम पूरी तरह से चालू हैं। इन देशों के पास पूर्व-चेतावनी और ट्रैकिंग सेंसर, भरोसेमंद कमांड और कंट्रोल पोस्ट और उन्नत इंटरसेप्टर मिसाइलों की भूमि और समुद्री बैटरी का नेटवर्क है।