देश के 22 जगहों पर गुरुवार को राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी(NIA) ने छापेमारी की है।बिहार के दो जिलों में भी छापा पड़ा।एनआइए ने गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की।कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है।दरसअल, पूरा मामला मानव तस्कर गिरोह से जुड़ा हुआ है। नौकरी का लोभ देकर युवाओं को यह गिरोह विदेश भेजता है और अपने जाल में वहां फंसाकर उनसे साइबर फ्रॉड का काम करवाता है।साइबर अपराध से जुड़े कॉल सेंटरों में काम करने के लिए इन लोगों को मजबूर किया जाता है।एनआइए ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया है।
गोपालगंज के कुचायकोट, हथुआ, मीरगंज के अलावा नगर थाना क्षेत्र में एनआइए ने छापेमारी की तो इलाके में हड़कंप मच गया।मानव तस्कर गिरोह को लेकर की गई इस छापेमारी में एनआइए ने कई लोगों के पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज समेत कई सामग्री जब्त की है, जिसकी जांच की जा रही है।एनआइए हिरासत में लिए लोगों से गहन पूछताछ कर रही है।गौरतलब है कि गोपालगंज में मानव तस्करी के मामले में एनआइए ने पहले भी कार्रवाई की थी।
मानव तस्करी से जुड़ी कई शिकायतें सामने आने के बाद जांच एजेंसी फिर से पूरी तरह सक्रिय हो गई है।मानव तस्कर गिरोह बिहार से लोगों को नौकरी का झांसा देकर विदेश भेजता है। पैसे लेकर ये एजेंट बेरोजगार युवाओं को कंबोडिया समेत अलग-अलग देश में नौकरी दिलाने के नाम पर भेजते है।वहां से गलत वीजा पर इन भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान व चीन के साइबर अपराधियों के हाथों बेच दिया जाता है।एनआइए को मिली शिकायत के अनुसार, जब ये लोग साइबर अपराध का काम करने से मना करते हैं तो इन्हें प्रताड़ित किया जाता है। फ्रॉड करने वाली कंपनी के मैनेजर के द्वारा बिजली का झटका देने तक की शिकायत मिली,जिसके बाद यह कार्रवाई की गयी।
गोपालगंज के नगर थाना में करमैनी मुहब्बत के निवासी संजीत यादव ने इसके पहले मई 2024 में केस दर्ज कराया था।संजीत ने प्रह्लाद सिंह पर गलत वीजा के आधार पर कंबोडिया भेजकर 2 हजार डॉलर में पाकिस्तान के एजेंट के हाथों बेचने का आरोप लगाया था। मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर केस को एनआइए को सौंप दिया।इसके बाद एक बार फिर से छापेमारी करने पहुंची।