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मायावती ने साफ़ कर दिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में वह किसी भी दाल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। बसपा अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। बसपा की यह घोषणा कई बातों की तरफ इशारा कर रही है। लेकिन बड़ी बात तो यही है कि अगर लोकसभा चुनाव में बसपा अकेले चुनाव लड़ती है तो बीजेपी को लाभ हो सकता है। बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी पार्टी की आगे की रणनीति साफ कर दी।
मायावती ने कहा है कि बसपा आने वाले लोकसभा चुनाव में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी और अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा -आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया था। इसके बाद ये खबर फैली थी कि मैं राजनीति से संन्यास लेने वाली हूं, लेकिन ये सच नहीं है। मैं अपनी जिंदगी के आखिरी पल तक पार्टी को मजबूत रखूंगी।
बसपा के राज्य मुख्यालय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मायावती ने कहा, ‘चुनाव को लेकर यहां यह बात फिर से स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि हमारी पार्टी देश में जल्दी ही घोषित होने वाले लोकसभा के आम चुनाव में गरीबों, उपेक्षित वर्गों में से विशेषकर दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़े वर्ग, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों के बलबूते पर ही पूरी तैयारी व दमखम के साथ अकेले ही लड़ेगी।’
उन्होंने कहा, ‘इन्हीं के बलबूते पर ही हमने 2007 में आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अकेले ही चुनाव लड़कर अपनी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार भी बनाई थी। इसलिए पूर्व के अनुभव को ध्यान में रखकर हमारी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी।’
मायावती ने इस दौरान अपनी चार बार की उत्तर प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया। साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘बसपा ने चार बार की सरकार में सभी वर्गों के लिए काम किया। वर्तमान समय में कोई काम नहीं दिख रहा और मुफ्त में राशन देकर लोगों को गुलाम बनाया जा रहा है।’