अखिलेश अखिल
पहले सीबीआई बदनाम थी आज ईडी बदनाम हो चली है। सीबीआई को क्या -क्या नहीं कहा गया। सड़क से लेकर संसद और अदालत तक में सीबीआई के कई नामकरण किये गए थे। एक समय था जब उस एजेंसी का नाम घबराते नहीं थे मजा लेते थे। और सब जानते थे कि यह किसके इशारे पर क्यों कुछ हो रहा है। सीबीआई देश की प्रेमीयर जांच एजेंसी है और उसकी अपनी साख और पहचान भी रही है। लेकिन राजनीति ने इस एजेंसी को भी नहीं बक्शा ,उसे बदनाम करके ही छोड़ा। आलम ये हुआ कि सीबीआई के भीतर भी कई तरह के खेल होते गए। भ्रष्टाचार सीबीआई भी किसी दाल या एजेंसी से कम नहीं।
लेकिन आजकल ईडी का नाम सबसे आगे है। जहां देखो वही ईडी के छापे पार्टी रहते हैं। करोडो पकडे जाने की खबरे। कितने सांसद ,विधायक और नेता ईडी की वजह से जेल में बंद हैं यह अगर सामने ला दिया जाए तो राजनीतिक भ्रष्टाचार का नया खेल उजागर हो जायेगा। याद रहे ये सभी वे नेता अभी जेल में बंद है जो विपक्ष की राजनीति करते हैं। अगर केंद्र में सत्ता बदल जाती है तो कल्पना कीजिये कितने नेता जेलों में बंद ही सकते हैं ? लेकिन यह सब कल्पना की बात है। मौजूदा सच तो यही है जैसे -ऐसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है चुनावी राज्यों में ईडी के छापे तेज हैं और विरोधी दल ईडी के निशाने पर हैं। छत्तीसगढ़ ,झारखंड ,राजस्थान ,बिहार के नेता भागते फिर रहे हैं। लेकिन यही यदि के छापे यूपी या उन राजयं में नहीं पड़ रहे हैं जहाँ बीजेपी की सत्ता है।
बुधवार को छत्तीसगढ़ में ईडी ने फिर से छापेमारी की है। रायपुर में सीएम भूपेश के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के देवेंद्र नगर स्थित निवास पर दबिश दी। इसके बाद सीएम के ओएसडी आशीष वर्मा और मनीष बंछोर के भिलाई-3 स्थित निवास पर भी छापेमारी की। अब इस मामले में प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग छिड़ी हुई है। सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने इस कार्रवाई को डकैती बताया है। साथ ही विनोद वर्मा ने ईडी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वर्मा ने मीडिया से बात करते हुए बताया, ईडी की ‘तथाकथित’ छापेमारी एक डकैती थी। मेरे घर में जो भी सामान मौजूद था, मैंने उसके सबूत, दस्तावेज़ और सोर्स दिए। फिर भी ईडी को लगा कि सूत्र स्पष्ट नहीं हैं। बता दें कि विनोद वर्मा पेशे से एक पत्रकार रहे हैं।
विनोद वर्मा ने आगे कहा, मैंने अपने घर से बरामद सोने के सभी बिल पेश कर दिए हैं… फिर भी, ईडी ने यह कहते हुए सारा सोना ले लिया कि सोना कहां से खरीदा गया था यह सत्यापित करने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं है …
वर्मा ने आगे कहा, मैंने 2005 में पहली बार सोना खरीदा क्योंकि मैं खरीदने लायक तभी हो पाया था, और उसके बाद जितना भी सोना खरीदा इसका एक-एक बिल ईडीके सामने रखा। सिर्फ एक गहने को छोड़कर जो मेरी पत्नी को विवाह के समय मिला था, उसका बिल मेरे पास नहीं है। इसके अलावा पूरे बिल ईडी को दिया है। इसके साथ ही छह ऐसे बिल भी दिए जिसका सोना शादियों में रिश्तेदारों को दिए थे।उन्होंने आगे कहा कि तमाम बिल दिखाए जाने के बावजूद ईडी सारा सोना जब्त कर ले गई और उनका यही कहना था कि पुख्ता सबूत नहीं दे रहे हैं कि यह सोना कहां से खरीदा गया, जबकि वास्तविकता यह है कि पूरा बिल मैंने उनके सामने पेश किया और उन्होंने जो कागज दिए हैं उसमें भी पूरे बिल और सोने का विवरण दर्ज है।
वर्मा ने बताया कि जब उन्होंने ईडी से यह पूछा कि एक सामान्य व्यक्ति को कितना सोना रखने का अधिकार है तो ईडी के अधिकारी ने कहा कि यह सब आईटी एक्ट में है, ईडी के एक्ट में नहीं है। ईडी के अधिकारी बार-बार यही कहते रहे कि आप मुझे संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं, तो फिर मैने कहा कि संतुष्ट कैसे कर सकता हूॅ, जब मैंने सारे बिल आपके सामने रख दिए हैं।वर्मा ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा ईडी के अधिकारियों ने सवाल किया कि आप यह बताइए कि आपने यह सोना जो खरीदा है उसका भुगतान आपने कैसे किया है, इसका सबूत आप नहीं दे पा रहे हैं। ईडी पर तंज सकते हुए वर्मा ने कहा, पहली बार भारतीय कानून में यह प्रावधान जोड़ना पड़ रहा है कि अगर कोई चीज बिल से खरीदते हैं, कच्चे में नहीं खरीदते हैं तो उस बिल के पेमेंट का मोड भी अपने पास सुरक्षित रखना पडे़गा। यह सीआरपीसी और आईपीसी को नए तरीके से परिभाषित कर रहे हैं।
अब कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर हमला बोला था। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर बीजेपी पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि बीजेपी छत्तीसगढ़ में राजनीतिक रूप से छत्तीसगढ़ सरकार और सीएम भूपेश बघेल का मुकाबला नहीं कर पा रही है, तो ईडी को आगे कर रही है।
सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के घर ईडी की छापेमारी ,वर्मा ने कहा ईडी ने की डकैती !
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