अखिलेश अखिल
टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू दिल्ली से जैसे ही वापस आंध्र प्रदेश पहुंचे ,दूसरे दिन ही सूबे के मुखिया जगन रेड्डी दिल्ली पहुँच गए। चंद्रबाबू नायडू जिन बीजेपी के नेताओं से मिलकर लौटे थे उन्ही नेताओं के साथ जगन की भी बैठक हुई है। खूब मेलमिलाप हुए और फोटों भी खिंचवाई गई। रेड्डी की मुलाकात अमित शाह से भी हुई और जेपी नड्डा से भी। इन्ही नेताओं से मिलकर नायडू भी लौटे थे।
नायडू की इस मुलाकात से दिल्ली में कई तरह की खबर बनी। एक मत यही था कि नायडू जल्द ही एनडीए के हिस्सा होंगे। लेकिन अब जब जगन भी दिल्ली पहुँच गए हैं और बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मिल रहे हैं तब हलचल और भी तेज हो गई है। क्या जगन से साथ बीजेपी का गठबंधन होगा या फिर नायडू के साथ जोड़ी जमेगी ? या दोनों के साथ आंध्रा में इस बार मिलकर कांग्रेस का मुकाबला किया जाएगा?
मुलाकात के दौरान जगनमोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग दोहरा सकते हैं। इसको लेकर चंद्रबाबू नायडू ने पहले बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए से किनारा किया था। ये वही आरोप हैं, जिनको लेकर जगनमोहन रेड्डी लगातार टीडीपी पर हमलावर हुए थे। इसका ही नतीता रहा कि टीडीपी और एनडीए का गठबंधन टूट गया। इसी के साथ राज्य की सत्ता में वायएसआरसीपी का रास्ता साफ हुआ। एक बार फिर बीजेपी और टीडीपी करीब आती दिख रही हैं। ऐसे में जगनमोहन रेड्डी भी वही दांव चलने की कोशिश में हैं। बता दें कि जगनमोहन रेड्डी सरकार में हैॆ और उन पर ये भी आरोप लग सकता है कि वो अपने कार्यकाल के दौरान आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवा पाए।
लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन की राजनीति चर्चा जोरो पर है। बता दें कि टीडीपी चाहती है कि बीजेपी उनके और पवन कल्याण की जन सेना पार्टी के साथ मिलकर जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ मैदान में उतरे। दूसरी ओर बीजेपी की टॉप लीडरशिप के जगनमोहन रेड्डी के साथ नजदीकियां भी राज्य को अलग तरह से सोचने के लिए मजबूर कर रही है। फिलहाल, जगनमोहन रेड्डी ने अभी तक ये साफ नहीं किया है कि क्या वो एनडीए के साथ जा सकते हैं या नहीं।