न्यूज़ डेस्क
सूडान में जारी हिंसा में फंसे भारतियों को वापस लेन के मसले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया के बीच ट्विटर जंग जारी है। कांग्रेस नेता ने विदेश मंत्री से आग्रह किया था कि कर्नाटक के कई लोग सूडान में फंसे हुए हैं जिन्हे सही सलामत वापस लाने की जरूरत है। इसके बाद विदेश मंत्री ने उनपर राजनीति करने का आरोप लगाया। विदेश मंत्री के आरोप लगाते ही सिद्धरमैया भड़क गए। उन्होंने फिर से ट्वीट किया। आइये जानते हैं उनके बीच क्या कुछ बाते की गई है ?
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को उनकी इस बात के लिए सीधा जवाब दिया है कि “अगर आप सूडान में फंसे कर्नाटक के लोगों को निकालने के लिए किए गए मेरे ट्वीट से स्तब्ध हैं तो कृपया बता दें कि किससे संपर्क किया जाए।” सिद्धारमैया ने अपने ट्वीट की शुरुआत इस बात से की है कि चूंकि आप विदेश मंत्री हैं इसलिए मैंने आपसे मदद की अपील की थी। लेकिन अगर आप स्तब्ध होने में ही व्यस्त हैं तो फिर ऐसे व्यक्ति का नाम बता दें जो हमारे लोगों को वापस लाने में मदद कर सके।
सिद्धारमैया ने यह बात विदेश मंत्री के उस ट्वीट के जवाब में कही है जिसमें एस जयशंकर ने सिद्धारमैया के ट्वीट के जवाब में कहा था कि “आपके ट्वीट से स्तब्ध हूं! वहां जिंदगियां दांव पर लगी हैं, इस पर राजनीति मत करिए। 14 अप्रैल को लड़ाई शुरू होने के बाद से खार्तूम में भारतीय दूतावास सूडान में ज्यादातर भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों के साथ लगातार संपर्क में है।”
उन्होंने आगे लिखा कि, “सुरक्षा कारणों से भारतीयों की डिटेल और लोकेशन सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। भीषण लड़ाई के कारण उनकी आवाजाही में रुकावट आ रही है।”
बता दें कि सूडान की राजधानी खार्तूम और देश के अन्य इलाक़ों में शुरू हुआ ताज़ा संघर्ष, सेना और वहां के अर्धसैनिक बल के बीच के बुरे शक्ति संघर्ष का नतीज़ा है। इस संघर्ष में अभी तक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। घायलों की संख्या दो हजार तक बताई जा रही है। सूडान में बड़ी संख्या में दक्षिण भारत के लोग भी रहते हैं और वे लगातार अपने राज्य सरकारों से वहां से सुरक्षित निकलने की अपील भी कर रहे हैं।
पिछले चार दिनों से जारी ताज़ा संघर्ष में सूडान के अर्धसैनिक बल ‘रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स’ यानी आरएसएफ और वहां की सेना आमने-सामने हैं। राजधानी खार्तूम में रणनीतिक लिहाज से अहम लगभग सभी जगहों पर झडपें हो रही हैं। दोनों पक्षों ने सूडान की राजधानी खार्तूम के अलग-अलग हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित करने का दावा किया है। सूडान में डॉक्टरों का कहना है कि खार्तूम के अस्पतालों में हालात बेहद मुश्किल हो गए हैं। संघर्ष के चलते स्वास्थ्यकर्मी घायलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
उधर एस जयशंकर ने सिद्धारमैया पर एक तरह से आरोप लगाया कि सूडान में फंसे भारतीयों की स्थिति का राजनीतिकरण करना काफी गैरजिम्मेदार रवैया है। विदेश में फंसे भारतीय की जान खतरे में होने से कोई राजनीतिक लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता।
कहा जा रहा है कि विदेश मंत्री कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री के उन ट्वीट्स की सिरीज से चिढ़ गए जो उन्होंने किए थे। उन्होंने सूडान में कर्नाटक के एक आदिवासी समुदाय से संबंधित फंसे हुए लोगों को वापस लाने में केंद्र सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि सूडान में हक्की पिक्की (जनजाति) के कुछ लोग पिछले कई दिनों से बिना भोजन के वहां फंसे हुए हैं। सरकार ने अभी तक उन्हें वापस लाने के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की है।
सूडान से भारतीयों को वापस लाने के मसले पर विदेश मंत्री जयशंकर और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया में ट्विटर वार
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