लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार (11 अगस्त, 2025) को चुनाव आयोग से मिले नोटिसों का हवाला देते हुए बयान दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि यह चुनाव आयोग का डेटा है, मेरा नहीं, जिस पर साइन करके शपथपत्र दूं।
उन्होंने कहा कि इस डेटा को अपनी वेबसाइट पर डाल दीजिए, आपको पता चला जाएगा। यह सब सिर्फ मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए की जा रही कोशिश है। यह सिर्फ बेंगलुरु में ही नहीं, बल्कि कई अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी हुआ है।
हिरासत से रिहा होने के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि देखिए भारत के लोकतंत्र की हालत क्या है।300 सांसद सिर्फ एक दस्तावेज सौंपने के लिए चुनाव आयोग से मिलने जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया क्योंकि वे डरते हैं कि अगर 300 सांसद पहुंच गए और कहीं उनकी सच्चाई सामने आ गई तो?
उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अब सिर्फ राजनीतिक नहीं रही, बल्कि यह लड़ाई अब संविधान और एक मतदाता और एक मत (One Man One Vote) के लिए है। हमने कर्नाटक में स्पष्ट रूप से दिखा दिया कि वहां ‘मल्टीपल मैन, मल्टीपल वोट’ था।पूरा विपक्ष इसके खिलाफ लड़ रहा है।ऐसे में अब चुनाव आयोग के लिए इसे छुपाने में बहुत मुश्किल होगी।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इंडिया गठबंधन के अपने सभी साथी सांसदों का कंधे से कंधा मिलाकर और पूरी ताकत से वोट चोरी के खिलाफ इस लड़ाई को लड़ने के लिए दिल से आभार जताते हुए उनका धन्यवाद किया।
इस संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया। पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा कि जैसा कि मैंने कहा था कि यह लड़ाई अब सिर्फ राजनीतिक नहीं रही।यह लोकतंत्र और मतदान के अधिकार की रक्षा के लिए लड़ाई है और हम सभी मिलकर इसे हासिल करेंगे।