18वीं लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी का नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा ,लेकिन अब राज्यसभा के लिए होने वाले उपचुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी को बड़ा फायदा होने का आसार बन रहा है ।लोकसभा चुनाव में राज्यसभा के सांसदों के जीतने के कारण राज्यसभा की 10 सीटें खाली हो गई है ।अब इन सीटों पर उपचुनाव होना है,जिसमें एनडीए को भारी सफलता मिल सकती है ।राज्य सभा की ये सभी 10 सीटें बीजेपी या एनडीए गठबंधन शासित राज्य में है,जहां संख्या बल के आधार पर बीजेपी की या इसके एनडीए सहयोगी की जीत पक्की नजर आती है। एक सीट का उपचुनाव महाराष्ट्र में भी होना है,वहां भी यह एनडीए की हिस्से में ही जायेगी।
राज्यसभा के खाली हुए 10 में से 7 सीट बीजेपी का है
राज्यसभा की 10 सीटें जिस पर चुनाव होना है उसमें से 7 सीटें बीजेपी के उन राज्यसभा सांसदों के हैं,जिन्होंने लोकसभा के चुनाव लड़े थे और उसमें जीत हासिल की थी। राज्यसभा के बाद लोकसभा का चुनाव जीतने वाले इन सांसदों में महाराष्ट्र के उदयन राजे भोसले और पीयूष गोखले,त्रिपुरा में विप्लव देव, मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया, बिहार में विवेक ठाकुर, असम में कामाख्या प्रसाद ताशा और सर्वानंद सोनोवाल शामिल है। बीजेपी एक बार फिर इन सभी सीटों को अपने पास ही रखेगी, जिसमें उसकी जीत भी लगभग तय मानी जा रही है।
कांग्रेस और आरजेडी की खाली हुई सीट पर भी मिल सकती है जीत
बीजेपी के अपने सांसदों के लोकसभा चुनाव जीतने की वजह से रिक्त हुई राज्यसभा सीटों के अलावा राजस्थान में कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल की रिक्त हुई सीट भी सांख्य बल के हिसाब से बीजेपी के पास ही जाएगी। वहीं बिहार में आरजेडी की मिशा भारती की खाली हुई राज्यसभा की सीट भी एनडीए के घटक दल बीजेपी या जेडीयू के हिस्से में जाएगी क्योंकि वहां एनडीए गठबंधन की सरकार है।हरियाणा में कांग्रेस के देवेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने से खाली हुई सीट पर भी राज्य में बीजेपी की सरकार होने से इसे ही मिलने की संभावना है।हालांकि राज्य में जेजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी की सरकार निर्दलीय विधायकों के भरोसे पर चल रही है, उसे देखते हुए वहां पर चुनाव की स्थिति भी बन सकती है।