18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू हो रहा है। इस सत्र के दौरान 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होना तय है। इसके साथ ही नए लोकसभा अध्यक्ष की चयन को लेकर एनडीए के घटक दलों में भी हलचल बढ़ गई है। जेडीयू ने भले ही बीजेपी के उम्मीदवार को समर्थन देने की बात कही है, लेकिन तेलुगु देशम पार्टी की तरफ से बीजेपी पर लगातार इस बात के लिए दबाव बनाया जा रहा है कि लोकसभा का अगला अध्यक्ष तेलुगु देशम पार्टी का ही हो। हालांकि बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि यदि टीडीपी अपने जिद पर अड़ ही जाती है तो बीजेपी डी पुरंदेश्वरी का नाम लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए आगे कर सकती है, ताकि टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू इसके नाम पर ना नहीं कर सके। दरअसल डी पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश बीजेपी की अध्यक्ष हैं तथा टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की पत्नी की बहन है। ऐसे में पारिवारिक तनाव की स्थिति का आकलन कर टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू के लिए भी उनकी उम्मीदवारी का विरोध करना आसान नहीं होगा।
ओम बिरला को मिल सकता है दुबारा मौका
18वीं लोकसभा चुनाव को लेकर निर्माण में जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पुरानी टीम पर भरोसा जताया है उसे देखते हुए यह भी माना जा रहा है कि शायद मौजूदा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी एक और कार्यकाल लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मिल जाए।लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि एनडीए के घटक दलों का रुख क्या रहता है। इसमें दो बातें देखने वाली होगी। एक टीडीपी अपने उम्मीदवार को लेकर दवाब नहीं डाले और दूसरा ओम बिरला को लेकर घटक दलों का रूख क्या रहता है।
जेडीयू करेगी बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन
जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने तो शुक्रवार को ही यह बात स्पष्ट कर दिया कि उनका दल जेडीयू लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार का समर्थन करेगा और जेडीयू अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी।लेकिन यहां यह देखना भी दिलचस्प होगा कि क्या जेडीयू बीजेपी के उम्मीदवार पर अपनी सहमति जरूरी समझता है या इसे बीजेपी पर ही छोड़ देती है।
टीडीपी ने वाजपेयी की कार्यकाल में बनवाया था अपनी पार्टी से लोक सभा अध्यक्ष
18 वीं लोकसभा से पूर्व जब 12 वीं और 13 वीं लोक सभा के लिए अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र में एनडीए गठबंधन की सरकार बनी थी, तब टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू अपनी पार्टी से लोकसभा अध्यक्ष बनवाने में सफल रहे थे।उस समय जीएमसी बालयोगी पहले 12 वीं और बाद में 13 वीं लोकसभा के लिए लोकसभा अध्यक्ष बने थे।दरअसल टीडीपी के लोकसभा अध्यक्ष के पद पाने की चाहत के पीछे एक बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि इसके जरिए टीडीपी एक तरह से इस बात को लेकर सुरक्षित हो जाना चाहती है कि उसके दल को तोड़ा नहीं जा सके। यदि बीजेपी के द्वारा टीडीपी सांसदों को तोड़ने का प्रयास किया जाता है या तोड़ा जाता है तो लोकसभा अध्यक्ष निर्णायक भूमिका में आकर उसे मान्यता न दे।
कुछ अन्य नाम पर भी चल रहा विचार
18 वीं लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी के अंदर कुछ अन्य वरिष्ठ सांसदों के नाम की भी चर्चा हो रही है।इन सांसदों में सातवीं बार सांसद बने भतृहरी महताब और छह बार के सांसद राधा मोहन सिंह का नाम प्रमुख है।