न्यूज़ डेस्क
आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर सरकार द्वारा एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया के सदस्यों पर दर्ज किये गए मामले पर सुनवाई होनी है। इजीआई ने आज सुप्रीम कोर्ट में शीर्ष अदालत से अपने सदस्यों के ऊपर दर्ज मामले को रद्द करने के लिए गुहार लगाईं है। इसके बाद शीर्ष अदालत आज ही मामले की सुनवाई के लिए सहमत हो गया है।
गौरतलब है, पिछले कई महीनों से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में हिंसा और तनाव के हालात पर रिपोर्टिंग को लेकर मणिपुर सरकार ने ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करवाई है। जिन सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी वो हालिया जातीय संघर्ष की मीडिया रिपोर्टों को देखने के लिए मणिपुर गए थे। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि इजीआई की टीम द्वारा पेश की गई रिपोर्ट “झूठी, मनगढ़ंत और प्रायोजित” है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा था कि, मणिपुर सरकार ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्यों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है। दरअसल उनके अनुसार ये मणिपुर राज्य में और अधिक झड़पें पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
एफआईआर में कहा गया है कि ईजीआई की मणिपुर रिपोर्ट में चुराचांदपुर जिले में एक जलती हुई इमारत की तस्वीर के लिए “कुकी हाउस” के रूप में कैप्शन दिया गया है। जबकि, इमारत वन विभाग का एक कार्यालय था जिसमें 3 मई को एक भीड़ ने आग लगा दी थी। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने शनिवार 2 सितंबर को जारी मणिपुर रिपोर्ट में कहा था कि इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि जातीय संघर्ष के दौरान राज्य का नेतृत्व पक्षपातपूर्ण हो गया। रिपोर्ट में अपने निष्कर्ष सारांश में राज्य के नेतृत्व पर कई टिप्पणियों के बीच कहा गया है, इसे जातीय संघर्ष में पक्ष लेने से बचना चाहिए था, लेकिन यह एक लोकतांत्रिक सरकार के रूप में अपना कर्तव्य निभाने में विफल रही, इसे पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करना चाहिए था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि राज्य की सरकार लोकतांत्रिक चुनी हुई सरकार के रूप में अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर पाई है। हालांकि, मामला सामने आने के बाद ईजीआई ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में अपनी मणिपुर रिपोर्ट में गलती को स्वीकार किया और कहा कि इसमें “सुधार किया जा रहा है और एक अद्यतन मणिपुर रिपोर्ट जल्द ही अपलोड की जाएगी।” ईजीआई ने लिखा, “… हमें फोटो संपादन में हुई त्रुटि के लिए खेद है।”
आज सुप्रीम कोर्ट में होगी मणिपुर सरकार द्वारा एडिटर्स गिल्ड् के खिलाड़ दर्ज मामले पर सुनवाई !
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