बीरेंद्र कुमार झा
गुजरात की अदालत ने बिहार के उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को राहत प्रदान की है। शुक्रवार को अहमदाबाद की अदालत ने ‘ केवल गुजराती ही ठग’हो सकते है’ वाले बयान के लिए दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को शुक्रवार को पेशी से छूट प्रदान की। अदालत ने उन्हें अगले महीने पेश होने का निर्देश दिया । आंतरिक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार ने 28 अगस्त को राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव को समन जारी किया था, जिसमें उन्हें कथित आपराधिक मानहानि के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दायर मामले में 22 सितंबर को उपस्थित होने के लिए कहा गया था ।
सुनवाई 4 नवंबर तक के लिए स्थगित
अदालत ने 22 सितंबर को दूसरा समन जारी किया ,जब उसे पता चला कि कुछ तकनीकी कारणों से उन्हें पहला समन नहीं दिया जा सका था, लेकिन मामला जब शुक्रवार को अदालत के सामने आया तो यादव के वकील एमएस वत्स ने उसके लिए छूट की अर्जी दायर की।मजिस्ट्रेट परमार ने छूट दे दिया और सुनवाई 4 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। उस दिन तेजस्वी यादव अपना बयान दर्ज कराने के लिए अदालत में पेश हो सकते हैं।
21 मार्च 2023 को पटना में दिया था बयान
अदालत में एक स्थानीय व्यवसायी और कार्यकर्ता हरिश मेहता द्वारा दायर शिकायत के आधार पर अगस्त में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत तेजस्वीयादव के खिलाफ प्रारंभिक जांच की थी और उसकी पेशी के लिए पर्याप्त आधार पाया था।शिकायत के अनुसार तेजस्वी यादव ने 21 मार्च 2023 को पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वर्तमान स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उनकी धोखाधड़ी को माफ कर दिया जाएगा। तेजस्वी यादव ने कथित तौर पर कहा था कि अगर वे एलआईसी या बैंकों का पैसा लेकर भाग गए तो कौन जिम्मेदार होगा ?मेहता ने दावा किया की बयान से सभी गुजरातियों की बदनामी हुई है।