बीरेंद्र कुमार झा
2024 का लोकसभा चुनाव साथ साथ लड़ेंगे
बिहार के उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव रविवार को रांची के हरमू में पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने रांची आए हैं । यहां आरजेडी कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।रांची में इन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात कर कई मुद्दों पर चर्चा की।तेजस्वी यादव ने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव आरजेडी और जेएमएम साथ मिलकर लड़ेंगे। सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए ताकि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारकी सरकार को उखाड़ फेंका जा सके।
हेमंत सोरेन से उनके आवास पर मिले तेजस्वी यादव
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास पर औपचारिक मुलाकात की। इस मौके पर दोनों नेताओं के बीच विकास से जुड़े कई विषयों पर विचार-विमर्श हुआ।इस अवसर पर तेजस्वी यादव के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव, बिहार विधानसभा के सदस्य अब्दुल बारी सिद्धकी, बिहार के पूर्व मंत्री श्याम रजक,
झारखंड के पूर्व मंत्री सुरेश पासवान और पूर्व विधायक संजय प्रसाद यादव मौजूद थे।
रांची के हरमू में है आरजेडी का कार्यक्रम
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव रांची के हरमू में आयोजित आरजेडी के कार्यक्रमों में झारखंड में आरजेडी की स्थिति को सुदृढ़ करने को लेकर विचार करेंगे। पहले झारखंड में भी आरजेडी के विधायकों की संख्या अच्छी खासी होती थी, जिसके बदौलत पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी प्राप्त था। लेकिन पिछले दो चुनाव से आरजेडी की झारखंड में स्थिति खस्ताहाल हो गई है। झारखंड के लोकसभा के 14 सीटों में से एक भी सीट आरजेडी के पास नहीं है, जबकि विधानसभा की 81 सीटों में से सिर्फ एक सीट ही आरजेडी के पास है। इस वजह से आरजेडी फिलहाल बिहार की क्षेत्रीय पार्टी ही बनकर रह गई हैं। तेजस्वी यादव झारखंड में मौजूद बिहार से आकर बसे लोगों के साथ ही झारखंड के मुस्लिम ,यादव और अन्य पिछड़ी जाति के वोट के बल पर यहां चुनाव जीतने की रणनीति बनाने आए हैं।
पहले भी आरजेडी जेएमएम के साथ मिलकर लड़ा है चुनाव
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का कहना है कि क्षेत्रीय पार्टियों को एकजुट होकर सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहिए। सभी विपक्षी पार्टियों को साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए और केंद्र की बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहिए इसके लिए विपक्षी एकजुटता जरूरी है। गौरतलब है की आरजेडी ने 2014 और 2019 ईस्वी में झारखंड में हुए लोकसभा और विधानसभा दोनों ही चुनाव झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ मिलकर लड़ा था, इसके बावजूद इसे अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं हुई थी। ऐसे में अब बागडोर लालू प्रसाद यादव के हाथ से तेजस्वी यादव के हाथ में आया है तो तेजस्वी यादव अपने व्यक्तित्व से कुछ नया करिश्मा कर झारखंड में आरजेडी की ताकत बढ़ाने का प्रयास करेंगे।