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लैंड फॉर जॉब स्कैम को लेकर सीबीआई ने तेजस्वी से 9 घंटे तक किए सवाल, 4 लाख की कंपनी का दफ्तर 150 करोड़ के बंगले में

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बीरेंद्र कुमार झा

शनिवार को रेलवे नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से सीबीआई ने अपने नए दिल्ली स्थित मुख्यालय में 9 घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ का यह सिलसिला सुबह 11:00 बजे से प्रारंभ हुआ और रात के 8:00 बजे तक चला।इस दौरान तेजस्वी यादव को सिर्फ 1 घंटे की मोहलत लंच करने के लिए दी गई थी। इसके बाद फिर से दूसरे राउंड की पूछताछ शुरू की गई। बंद कमरे में सीबीआई के चुनिंदा अधिकारियों की टीम ने उनसे लगातार कई सवाल पूछे और उनसे उत्तर जानने का प्रयास किया। सभी सवालों के जवाब को बकायदा दर्ज किया गया जो इस केस में दस्तावेजी सबूत के तौर पर उपयोग में लाए जाएंगे। इस पूछताछ के दौरान अंदर जाने की अनुमति सीबीआई के सिर्फ उन्हीं चुनिंदा अधिकारियों को थी ,जो इससे सीधे तौर पर जुड़े हुए थे।

पूछताछ में सीबीआई ने तेजस्वी यादव से कौन-कौन से सवाल किए और तेजस्वी यादव ने उसके क्या जवाब दिए इसे लेकर कोई भी अधिकारी कुछ बताने से परहेज करते रहे। हालांकि प्राप्त सूत्रों के अनुसार तेजस्वी यादव से इस घोटाले से संबंधित सभी बातों को जानने का प्रयास किया गया। उनसे एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों में उनके मालिकाना हक से जुड़ी बातों के बारे में जानकारी ली गई। इन कंपनियों में उनके बालिक होने के बाद करोड़ों रुपए के लेन- देन किए गए हैं।

हैसियत 4 लाख की पर दफ्तर 150 करोड़ के बंगले में

एबी एक्सपोर्ट्स कंपनी की हैसियत कागज पर मात्र ₹4 लाख लेकिन इसका नई दिल्ली के पास इलाके में न्यू फ्रेंड कॉलोनी में 150 करोड़ रुपए के बंगले में कार्यालय हैं यह कैसे संभव हुआ?जमीन के बदले नौकरी घोटाले के पैसे उनके नाम पर ट्रांसफर हुए इसकी जानकारी उन्हें थी ? उनके नाम पर कई संपत्तियों की रजिस्ट्री है, इसके बारे में उन्हें क्या सूचना है ?उनके बालिक होने के बाद जितनी संपत्ति उनके नाम पर की गई और इन कंपनियों में बड़ी संख्या में लेनदेन हुए इसके बारे में उन्हें क्या कहना है।।

गिरफ्तार नही करने के आश्वासन के बाद ही जांच एजेंसी के कार्यालय में आकर पूछताछ के लिए तैयार हुए तेजस्वी

गौरतलब है कि इस मामले में सीबीआई ने पिछले सप्ताह आश्वासन दिया था कि वह अभी तेजस्वी यादव को गिरफ्तार नहीं करेगी, अनुसंधान के दौरान उनसे सिर्फ पूछताछ की जाएगी। इसके बाद तेजस्वी यादव ने नौकरी के बदले जमीन मामले में पूछताछ के लिए 25 मार्च को एजेंसी के समक्ष पेश होने को लेकर सहमति जताई थी। इससे पहले सीबीआई के 2 बार और 4 मार्च और 11 मार्च की सी बी आई सम्मन मिलने के बावजूद निजी कारणों का का हवाला देते हुए वे पेशी से बचते रहे।।

कैसे आया मामला सीबीआई के पास

रेल मंत्री लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के कार्यकाल में बड़ी संख्या में लोगों को अवैध तरीके से रेलवे में बहाल कर दिया गया था।इस मामले को लेकर सीबीआई ने अलग से एक एफ आई आर एस दर्ज करके इसकी जांच शुरू कर दी है। इस एफआईआर . के अनुसार अभ्यर्थियों से नौकरी के बदले बड़ी संख्या में जमीन लिखवाई गई थी। यह जमीन लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के नाम पर लिखवाई गई थी। इस मामले में इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पटना स्थित उनके सरकारी आवास में भी पूछताछ हो चुकी है।

पूछताछ के बाद मीडिया से मुखातिब होकर तेजस्वी ने कहा कोई घोटाला नहीं

पूछताछ खत्म होने के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात की। उन्होंने फिर कहा कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं है। उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। सब कानूनी दांवपेच है ,फिर भी हमने पूरा सहयोग किया है। किसी के कुछ कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि सबको यह पता है यह सब क्यों हो रहा है!

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