दिल्ली की आबकारी नीति मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका लगा था,जब सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सीय आधार पर 7 दिनों तक अंतरिम जमानत की चाहत वाली याचिका को तत्काल सुनने से इंकार कर दिया था।खारिज कर दिया था।इसके दूसरे ही दिन बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में अरविंद केजरीवाल इससे कहीं जोरदार झटका इसे खारिज कर दिया। यानि केजरीवाल की अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने की मांग वाली याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी।
1 जून तक अंतरिम जमानत पर हैं केजरीवाल
प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम केजरीवाल को 26 मार्च को गिरफ्तार किया था। इस मामले में ईडी की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए अरविंद केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि, कोर्ट ने केजरीवाल को चुनाव में प्रचार के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी थी।
केजरीवाल ने अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मेडीकल जांच के लिए अंतरिम जमानत को 7 दिन आगे बढ़ाने की मांग की थी।अपनी याचिका में केजरीवाल ने कहा था कि ई डी द्वारा गिरफ्तारी के बाद उनका वजन 7 किलो तक घट गया है।इतना ही नहीं उनका कीटोन लेवल भी बढ़ा है।ऐसे में ये लक्षण किसी गंभीर बीमारी के हो सकते हैं।मैक्स के डॉक्टरों ने जांच की है। अभी पेट सी टी स्कैन और कई टेस्ट करवाने की जरूरत है।ऐसे में उन्हें इन जांच के लिए 7 दिन की मोहलत दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन बेंच ने तुरंत सुनवाई से किया था इनकार
केजरीवाल की ओर से मंगलवार को इस याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग की गई थी।हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन बेंच ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया था। अवकाशकालीन बेंच ने केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि वह सुनवाई का अनुरोध चीफ जस्टिस से करें।
कोर्ट ने मंशा पर उठाए थे सवाल
कोर्ट ने केजरीवाल की ओर से देर से आवेदन दाखिल करने पर उनके मंशा को लेकर भी सवाल उठाए थे। जस्टिस ए एस ओक की बेंच ने कहा, 17 मई को मुख्य मामले पर आदेश सुरक्षित रखा गया। उस बेंच के एक सदस्य जज पिछले सप्ताह अवकाशकालीन बेंच में थे. आपने तब क्यों नहीं यह मांग रखी।