नीट – यूजी 2024 मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह गुरुवार 28 जुलाई को नीट – यूजी मामले की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मामले में कुछ पक्षकारों को केंद्र और एनटीए द्वारा दायर हलफनामा नहीं मिला है और उन्हें बहस से पहले अपने जवाब तैयार करने के लिए इसकी जरूरत है।
केंद्र सरकार, सीबीआई और एनटीए ने नीट – यूजी मामले में हलफनामा दाखिल कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि नीट- यूजी 2024 के नतीजे का डाटा एनालिसिस भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास ने किया और विशेषज्ञों के निष्कर्षों के अनुसार अंक वितरण में अनियमितता के संकेत नहीं मिले हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अतिरिक्त हलफनामे में कहा कि 2024- 25 के लिए स्नातक सीटों के वास्ते काउंसलिंग की प्रक्रिया जुलाई के तीसरी सप्ताह से शुरू हो रहे चार चरणों में की जाएगी।वहीं एनटीए ने अपने हलफनामे में बड़े पैमाने पर कदाचार होने से इनकार कर दिया है। एनटीए ने कोर्ट को प्रश्न पत्रों की गोपनीय छपाई से लेकर उसे लाने – ले जाने और वितरण के लिए स्थापित व्यवस्था की भी जानकारी दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को नीट- यूजी मामले में सुनवाई की थी, जिसमें कड़ी टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि यदि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट- यूजी 2024 की सुचिता नष्ट हो गई है और यदि इसके लिए प्रश्न पत्र को सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित कर दिया गया है तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना होगा।कोर्ट ने कहा था कि प्रश्न पत्र लिक टेलीग्राम,व्हाट्सएप और इलेक्ट्रानिक माध्यमों से हो रहा है तो यह जंगल में आग की तरह फैलेगा।कोर्ट की पीठ ने कहा था कि यदि हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ हैं, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा।पीठ ने कहा कि जो हुआ हमें उसे नकारना नहीं चाहिए।
गौरतलब है कि नीट यूजी 2024 में 67 छात्रों ने कुल प्रप्रांक 720 अंक प्राप्त किया, जो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के इतिहास में पहली बार हुआ है। इस सूची में हरियाणा की एक केंद्र के 6 छात्र शामिल हैं, जहां परीक्षा में अनियमिताओं को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ। यह आरोप लगाया गया कि ग्रेस माक्र्स के चलते 67 छात्रों को टॉप रैंक प्राप्त करने में मदद मिली ।