न्यूज़ डेस्क
सोनिया गाँधी अब रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ेगी। अब वह राजस्थान से राज्यसभा की सदस्य बनने जा रही है। उन्होंने अपना नामांकन भी भर दिया है। यह बात और है कि रायबरेली से सोनिय गाँधी का ख़ास जुड़ाव रहा है और यह सीट कांग्रेस का गढ़ भी मना जाता रहा है। इस सीट से पार्टी के कई नेता चुनाव जीतते। सोनिय गंधी पिछले कई चुनाव से रायबरेली से ही जीतती रही है। चुकी रायबरेली से गांधी परिवार का एक विशेष जुड़ाव रहा है।
इसी जुड़ाव को प्रदर्शित करते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने रायबरेली के नाम एक भावुक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी के जरिए उन्होंने रायबरेली के लोगों से अपने दिल की बात कही है। सोनिया गांधी ने इस चिट्ठी में लिखा, “मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर-आप लोगों से मिलकर पूरा होता है। यह नेह-नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है।”
सोनिया गांधी का पूरा पत्र:
रायबरेली के मेरे स्नेही परिवारजन,
नमस्कार!
मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर-आप लोगों से मिलकर पूरा होता है। यह नेह-नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है।
रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फिरोज गांधी जी को यहां से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सास इंदिरा गांधी जी को आपने अपना बना लिया। तब से आकर अब तक, यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई।
आस्था के इस रौशन रास्ते पर आपने मुझे चलने की जगह दी। सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया। पिछले दो चुनावों में विषम परिस्थितियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, मैं यह नहीं भूल सकती। यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं, आपकी बदौलत हूं और मैंने इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है।
अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आए हैं।
बड़ों को प्रणाम। छोटों को स्नेह। जल्द मिलने का वादा।