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विदिशा, रायसेन और सीहोर जिले की विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी विदिशा संसदीय सीट पर अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज कराकर शिवराज सिंह चौहान ने इतिहास रच दिया है।
बीजेपी के दिग्गज नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह विदिशा से चुनाव जीत गए हैं। लेकिन अब उनकी राजनीति को देखते हुए यह माना जा रहा है कि वे बीजेपी के नए सितारा के रूप में आगे आ सकते हैं।
वे छठी बार यहां से सांसद चुने गए। कांग्रेस के प्रतापभानु शर्मा उनके आगे बेहद बौने साबित हुए। यह सब जानते हैं कि शर्मा को अचानक टिकट दिया गया। कांग्रेस में कई दिन तक शिवराज के मुकाबले दमदार प्रत्याशी की खोज चलती रही। बाहरी नेताओं के भी नाम चलते रहे। कइयों ने मना भी कर दिया।
अंतत: प्रतापभानु शर्मा रिस्क लेने को तैयार हो गए। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस कहीं नहीं दिखी। शर्मा के साथ कुछ पुराने चेहरे थे। तीन दशक से सक्रिय राजनीति से दूर शर्मा को कार्यकर्ताओं का टोटा रहा। ऐन चुनाव के वक्त ही पार्टी के जिलाध्यक्ष, युवा कांग्रेस अध्यक्ष, पूर्व विधायक भी साथ छोड़ गए। बचा ही क्या था ? जितना दौड़ भाग कर सकते थे, शर्मा ने की।
उधर, शिवराज सिंह ने इस चुनाव में अपना संसदीय क्षेत्र ही नहीं, प्रदेश और देश भी नाप लिया। कई राज्यों में वे स्टार प्रचारक की हैसियत से गए। उनकी जीत के प्रति शुरू से कोई संशय नहीं था। खास बात यह है कि शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री रहते हुए लड़े गए मध्य प्रदेश की विधानसभा चुनाव 2023 में प्रदेश में रेकॉर्ड बहुमत से भाजपा की सरकार बनी थी। प्रदेश में 230 में से 163 सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की थी।
शिवराज सिंह चौहान 6 महीने पहले तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह करीब 17 वर्षों तक मुख्यमंत्री पद पर रहे। वे भाजपा के ऐसे पहले नेता हैं जो इतने लंबे समय तक मुख्यमंत्री के पद पर काबिज रहे हैं।
बीते दिनों पहले पीएम मोदी ने रैली में कहा था, ‘जब शिवराज संसद गए थे, तब मैं पार्टी महासचिव के रूप में साथ काम कर रहा था। अब मैं उन्हें एक बार फिर अपने साथ (दिल्ली) ले जाना चाहता हूं।’ संयोग से, चौहान लोकसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद दिल्ली जाने वाली ट्रेन से विदिशा पहुंचे थे।
उन्होंने पिछले साल के विधानसभा चुनाव में भाजपा को शानदार जीत दिलाई थी, हालांकि पार्टी ने एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए मोहन यादव को उनका उत्तराधिकारी चुना। लेकिन अब एक बार फिर से शिवराज की प्रचंड जीत पर उनको किसी बड़े पद का मिलना तय माना जा रहा है।