विकास कुमार
जब से अजित पवार ने बगावत कर बीजेपी के साथ गठबंधन बनाया है, तब से चाचा शरद और उनके बीच जुबानी जंग जारी है। दो दिन पहले भतीजे अजित ने चाचा शरद पवार पर निशाना साधा था। अजीत ने कहा था कि जो काम उनके चाचा शरद पवार ने 38 साल की उम्र में किया था,वो काम उन्होंने 60 साल के बाद किया है। वहीं, अब भतीजे के इस बयान पर चाचा शरद ने पलटवार किया है। शरद पवार ने अजित पर तंज कसते हुए कहा कि उस समय उनका कदम बगावती नहीं था। शरद पवार ने बताया कि पहले सबकी सहमति से फैसले लिए जाते थे,इसलिए किसी के शिकायत करने की नौबत ही नहीं आई थी।
45 साल पहले 1978 में शरद पवार ने वसंतदादा पाटिल की सरकार गिरा दी थी। वह 40 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गए थे और खुद मुख्यमंत्री बन गए थे। जिस समय शरद पवार ने सीएम पद की शपथ ली थी, उस समय उनकी उम्र 38 साल थी। इसलिए अजित पवार ने शरद पवार पर तंज कसते हुए कहा था कि जो काम उन्होंने 60 साल के बाद किया है। कुछ लोग इस काम को 38 साल की उम्र में ही कर चुके थे।
परिवार में अपनी आलोचना होता देख अजित पवार ने चाचा शरद पवार पर पलटवार किया था। अजित पवार ने कहा था कि मैंने यह काम 60 साल की आयु पार करने के बाद किया है। जबकि कुछ लोगों ने 38 साल की उम्र में ही कांग्रेस तोड़ दी थी। वसंतदादा पाटिल एक अच्छे नेता थे लेकिन उन्हें दरकिनार कर दिया गया और जनता पार्टी का इस्तेमाल किया गया,इसलिए ऐसा नहीं है कि पहले किसी ने उस तरह का कदम नहीं उठाया, जैसा मैंने उठाया।
राजनीति में अपने हित को देखकर ही कोई कदम उठाया जाता है। अजित पवार ने भी अपना फायदा होता देख चाचा से बगावत कर दी है और इसका फायदा भी उन्हें मिल रहा है। लेकिन अजित पवार के सामने चुनौती जनता का समर्थन हासिल करने की है,क्योंकि अभी भी मराठा जनमानस शरद पवार पर ही ज्यादा भरोसा करता है।