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गुजरात विधान सभा में फर्जी पीएसआई को लेकर हंगामा ,आप और कांग्रेस के 19 विधायक निलंबित

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न्यूज़ डेस्क
आज गुजरात विधान सभा में काफी हंगामा हुआ और अंत में आप और कांग्रेस के 19 विधायकों को निलंबित कर दिया गया। गुजरात विधान सभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के विधायकों ने फर्जी पीएसआई यानी प्रशिक्षु पुलिस उप निरीक्षक के मुद्दे पर हंगामा करना शुरू कर दिया। काफी समय तक हंगामा चलता रहा। बाद में हगामे की वजह से 19 विधायकों को निलंबित कर दिया गया। ये निलंबन नारेबाजी और वाकआउट की वजह से किये गए।

इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अमित चावड़ा ने घटना को ‘गंभीर’ बताते हुए बुधवार को चर्चा की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि कि ऐसे कई अन्य लोग हो सकते हैं जिन्होंने इस तरह के अवैध तरीकों से अकादमी में प्रवेश किया हो। इसके बाद जब विधानसभा अध्यक्ष चौधरी ने उनकी मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह नियमों को दरकिनार नहीं कर सकते हैं और उन्हें नियम 116 के तहत अपने जवाब के साथ आने के लिए संबंधित मंत्री को कम से कम दो दिन का समय देना होगा। उनके इस तर्क पर कांग्रेस विधायकों ने मुद्दे पर आज ही चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी का इस्तीफा भी मांगा। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने के लिए भी कहा।

इसके बाद गुजरात के विधायी और संसदीय मामलों के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने एक दिन के लिए इन सदस्यों के निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने अपने प्रस्ताव में दावा किया कि विपक्षी विधायकों ने ‘पूर्व नियोजित’ रणनीति के तहत सदन में हंगामा किया। इस प्रस्ताव के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की। अपने जवाब में सीएम पटेल ने कांग्रेस की मांग की निंदा की और कहा कि उनकी सरकार हर तरह की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में सक्षम है।

बता दें कि महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय ने कुछ दिन पहले ही यह घोषणा की थी कि मयूर तडवी नाम के एक व्यक्ति को गांधीनगर के पास करई गांव में पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षु पुलिस उप-निरीक्षक (पीएसआई) के रूप में ट्रेनिंग लेते पकड़ा गया है। इस मामले की अब तक की गई जांच से पता चला है कि तड़वी ने पीएसआई के रूप में अपने चयन का फर्जी पत्र तैयार किया और एक महीने पहले प्रशिक्षु के रूप में करई स्थित अकादमी में प्रवेश किया। हालांकि, जब 582 प्रशिक्षुओं के लिए वेतन बिल तैयार किए जा रहे थे, तब अधिकारियों ने पाया कि चयनित उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम नहीं था, जिसके बाद पुलिस ने युवक को अरेस्ट कर लिया है।

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