बीरेंद्र कुमार झा
बिहार के बांका- मंदार रेलखंड से रेलवे ट्रैक चोरी करने वाले गिरोह से लगातार पूछ की जा रही है। जानकारी के अनुसार आरपीएफ को इस मामले में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं और इस रैकेट से जुड़ी कई अन्य बातें सामने आई है।आरपीएफ की टीम कई बिंदुओं पर इस मामले में काम कर रही है।इसके सरगना रणविजय सिंह की गिरफ्तारी ने पुलिस का काम और आसान बना दिया है। बिहार से बाहर अन्य 4 जिलों में इस मामले से जुड़े लोगों का पता लगाया जा रहा है।
दो दर्जन से अधिक पटरियों की चोरी करके भागने की थी तैयारी
रेलवे ट्रैक के पास से 2 दर्जन से अधिक पटरियों को लेकर भागने की कोशिश में पकड़ाए इस पटरी चोर गिरोह के 8 सदस्यों से पुलिस पूछताछ कर रही है। बीते महीने जब रेलवे की पटरी चोरी करते हुए आरपीएफ के जवानों ने 6 लोगों को रंगे हाथ पकड़ा था, तो इस गिरोह के अकाओं से जुड़ी जानकारी सामने आई थी। आरपीएफ ने पकड़े गए चोरों से मिली जानकारी के आधार पर नोएडा में छापेमारी करके इसके सरगना रणविजय को धर दबोचा था।अब इस बात का पता लगाया जा रहा है कि रणविजय समेत 8 पकड़े पकड़े गए चोरों के अलावा और कितने लोग इस धंधे से जुड़े हुए हैं ।
पांच राज्यों में चल रही है जांच
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार समेत पांच राज्यों में पटरी चोर गिरोह के सदस्यों की तलाशी चल रही है। बिहार, यूपी, चंडीगढ़ दिल्ली और मध्य प्रदेश में इस गिरोह से जुड़े हुए लोगों की खोज की जा रही है। गौरतलब है कि रणविजय यूपी का रहने वाला है। आरपी एफ ने रणविजय के अलावा एक और आरोपी अनावरूल हैं को गिरफ्तार किया था, जिसने स्थानीय लोगों को इस काम से जोड़ा था। रणविजय इसके ही कहने पर दिल्ली से आया और रेलवे ट्रैक की रेकी करके गया था।
जप्त मोबाइल नंबरों की हो रही जांच
रेलवे की पटरी की चोरी के लिए चंडीगढ़ के ट्रक का इस्तेमाल किया गया था। बताया जा रहा है कि पुलिस ने अब रणविजय समेत अन्य आरोपियों का मोबाइल जप्त कर उसके तकनीकी की जांच शुरू कर दी है। इन मोबाइल फोन से कई अहम बातें सामने आ सकती है।