बीरेंद्र कुमार झा
चंद्रमा की खोज में भारत के चंद्रायन 3 मिशन ने एक और उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। मिशन का हिस्सा प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक 100 मीटर की दूरी तय कर चुका है। यह उपलब्धि तब आई है जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रमा पर सूरज की रोशनी कम होने के कारण विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोनों को स्लीप मोड में डालने की तैयारी कर रहा है, यानि चांद पर मौजूद चंद्रयान 3 मिशन के दोनों हिस्से चैन की नींद सोने को तैयार है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने भारत के पहले सूर्य मिशन के सफल लॉन्च के बाद इसकी घोषणा की।
लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान किए जाएंगे निष्क्रिय
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 की रोवर और लैंडर ठीक से कम कर रहे हैं। चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें अब निष्क्रीय किया जाएगा।सोमनाथ ने कहा कि लेंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अभी काम कर रहे हैं और हमारी टीम अब अधिक वैज्ञानिक साजो – सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह अच्छी खबर है कि रोवर प्रज्ञान लेंडर विक्रम से कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जाने हैं, क्योंकि अब वहां चांद पर रात होने वाली है। इसरो प्रमुख ने पहले सूर्य मिशन आदित्य एल 1का आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र की सफल प्रक्षेपण होने के बाद मिशन नियंत्रण केंद्र से अपने संबोधन में यह जानकारी दी।
चंद्रयान 3 मिशन से मिल रही है बड़ी जानकारियां
14 जुलाई 2023 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 ने भारत को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतारने वाला चौथा देश और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ऐसा करने वाला पहला देश बना दिया। इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य पानी की खोज करना और चंद्रमा की सतह की विशेषताओं का अध्ययन करना है।
इससे पहले इसरो ने कहा था कि चंद्रयान 3 मिशन के रोवर प्रज्ञान पर लगे एक उपकरण ने भी एक अलग तकनीक का उपयोग करके चंद्र साथ पर में गंधक, सल्फर ,की मौजूदगी की पुष्टि की है। इसरो ने सुरक्षित रास्ते की तलाश में घूमते हुए रोवर प्रज्ञान का एक वीडियो भी जारी किया। इस घूर्णन प्रक्रिया का वीडियो लैंडर इमेजर कैमरे ने बनाया। इसके द्वारा किए गए सोशल मीडिया पोस्ट पर आज लोगों की निगाहें टिकी हुई है।