बीरेंद्र कुमार झा
तेलंगाना के चुनाव परिणाम में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद पहले ही दिन से माना जा रहा था की तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी वहां के मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन इसके तुरंत बाद वहां इनका विरोध शुरू हो गया और अंत में कांग्रेस आलाकमान को 4 दिनों तक इस गुत्थी को सुलझाने में लगे समय के बाद आज गुरुवार को रेवंत रेड्डी ने एलबी स्टेडियम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली। तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसाई सोंदरराजन ने इन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।रेवंत रेड्डी के शपथ समारोह कार्यक्रम में मंच पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ,कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा,कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और केसी वेणुगोपाल सहित अन्य नेता उपस्थित थे ।
पांच राज्यों में केवल तेलंगाना में बनी कांग्रेस की सरकार
पांच राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ तेलंगाना में ही सरकार बनाने में सफल हो पाई है। इसके अलावा बाकी के चार राज्यों में इस विफलता ही हाथ लगी।यहां तक कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ जहां इनकी ही सरकार थी ,ये उसे बचाने में भी असफल रही। वहां भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में आ गई।119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस ने 65 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि बीआरएस केवल 39 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। कांग्रेस की तरफ से तेलंगाना में मुख्यमंत्री पद के लिए रेस में कई नाम थे, हालांकि कांग्रेस ने मंथन के बाद रेवंत रेड्डी के नाम पर मोहर लगाई। आईए जानते हैं कांग्रेस के भरोसे पर खरे उतरने वाले रेवंता रेड्डी के बारे में ,जो वहां की लगभग सभी दलों के सदस्य रह चुके हैं।
रेवंत रेड्डी के बारे में खास बातें
* रेवंथ रेड्डी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की।
*वर्ष 2015 में नोट के बदले वोट मामले में इन्हें गिरफ्तार किया गया था। उसे वक्त इन्हें तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू का एजेंट करार दिया गया था।
*रेवंत रेड्डी पहले कुछ समय के लिए बीआरएस जो उस वक्त तेलंगाना राष्ट्र समिति के नाम से जानी जाती थी, मैं भी रह चुके हैं।
*रेवंत रेड्डी 2007 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अविभाजित आंध्र प्रदेश के विधान परिषद में निर्वाचित होने वाले एक ऐसे नेता है, जिनका कद प्रदेश में लगातार बढ़ता गया।
*रेवंत रेड्डी तेलुगू देशम पार्टी में भी शामिल हुए थे और तब वे पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के काफी करीबी माने जाते थे।
*रेवंत रेड्डी ने 2009 में तड़प के टिकट पर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी।
*2014 में तेलंगाना के अलग राज्य बनने पर भी उन्होंने चुनाव में जीत दर्ज की थी।
*रेवंत रेड्डी 2018 की विधानसभा चुनाव में बरस उम्मीदवार से हार गए थे।
*रेवंथ रेड्डी ने टीडीपी छोड़कर 2017-18 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उपस्थिति में दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी और तेलंगाना में कांग्रेस को मजबूत करने में जुट गए थे।
*रेवंत रेड्डी 2019 के लोकसभा चुनाव में तेलंगाना के मलकाजगिरी संसदीय सीट से कांग्रेस के सांसद के रूप में चुने गए थे।
*रेवंत रेड्डी को 2021 में कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप थी।