अखिलेश अखिल
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी होंगे। कांग्रेस शीर्ष कमान की मुहर रेवंत के नाम पर लग गई है। सात दिसंबर को रेड्डी सीएम पद की शपथ लेंगे।
तेलंगाना में पहली बार कांग्रेस की जीत हुई है। इस जीत के पीछे रेवंत रेड्डी का बड़ा हाथ माना जाता है। रेवंत रेड्डी तेलंगाना प्रदेश के अध्यक्ष हैं। उन्होंने साल भर पहले से ही कांग्रेस के विस्तार पर काम करना शुरू कर दिया था। रेड्डी ने न सिर्फ प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत किया बल्कि सत्ता तक पहुंचाने में अहम् भूमिका अदा की है।
बता दें कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने केसीआर की पार्टी बीआरएस को हराने का काम किया है। कांग्रेस को 64 सीटों पर जीत हासिल हुई है जबकि बीआरएस को 39 सीटों पर जीत हुई है। बीजेपी को माथ सीटें मिली है। अगर सीटों के लिहाज से देखा जाए बीजेपी को इस चुनाव में काफी लाभ हुआ है। पिछले चुनाव में बीजेपी को 2 सीटें मिली थी।
रेवंत रेड्डी छात्र राजनीति से निकले हैं। वे पहले एबीवीपी से जुड़े थे। 54 साल के रेड्डी 2017 में कांग्रेस से जुड़े और फिर पार्टी को आगे बढ़ाने लगे। उनकी क्षमता को देखते हुये ही राहुल गाँधी ने उनपर काफी यकीन भी किया था और प्रदेश की कमान 2021 में उनके हाथ में दे दिया था। 2009 में वे टीडीपी से भी चुनव लड़े थे। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान रेवंत रेड्डी की पहचान सबके सामने आयी। भारत जोड़ो यात्रा में लम्बे समय तक रेड्डी ने राहुल का साथ यात्रा के दौरान दिया था।
रेवंत रेड्डी मूलतः तेलंगाना के महबूबनगर जिले से आते हैं। वे हिंदी भी बोलते हैं और देश के कई नेताओं के साथ उनके बेहतर सरोकार भी माने जाते हैं। रेड्डी साधारण परिवार से आने वाले नेता है जो कम उम्र में इस मुकाम तक पहुंचे हैं। राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को रेड्डी पर पूरा यकीन है कि प्रदेश की जनता के साथ न्याय करेंगे और कांग्रेस की गारंटी को पूर्णतः लागू करेंगे। रेड्डी के सामने चुनौतियाँ भी बहुत है। सबसे बड़ी चुनती चार महीने बाद ही लोकसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने की है। अभी तक लोकसभा में बीआरएस और बीजेपी के सांसद इस प्रदेश से ज्यादा हैं।