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जेएमएम के अधिकृत प्रत्याशी की जीत में जेएमएम का बागी विधायक ही अटकायेगा रोड़ा

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भले ही पार्टी से बगावत कर संसदीय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों पर जेएमएम ने निलंबन जैसी कार्रवाई कर रही है,लेकिन इससे पार्टी के बागी विधायकों का असंतोष कम नही हो रहा है और वे पार्टी से बगावत कर अपनी ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के लिए खतरा बन रहे हैं।कई विधायक और पूर्व विधायक बागी बनकर जेएमएम या इंडिया गठबंधन के घटक दल के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध नामांकन कर ताल ठोकने लगे हैं। इसी क्रम में राजमहल लोकसभा संसदीय क्षेत्र से मंगलवार को नामांकन के पहले ही दिन बोरियो से जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल कर दिया है। लोबिन हेंब्रम ने निर्वाची पदाधिकारी सह डीसी हेमंत सती के समक्ष एक सेट में चार प्रस्तावक के साथ पहुंच कर नामांकन-पत्र दाखिल किया। नामांकन के बाद उन्होंने शाम करीब 3 बजे कृषि बाजार मैदान में जनसभा को संबोधित किया।अपने संबोधन में लोबिन ने कहा कि जो लोग मुझे कम करके आंक रहे हैं,उन्हें 4 जून को परिणाम के बाद पछताना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राजमहल क्षेत्र में उन्हें अपार जन समर्थन मिल रहा है। अपनी जीत पक्की बताते हुए लोबिन हेंब्रम ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उनकी बात न सुनकर जो भूल की है, इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना होगा

बिचौलियों के कारनामों के कारण हेमंत को जाना पड़ा जेल

लॉबिन हेंब्रम ने कहा कि उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा में 30 वर्षों तक पार्टी के एक सच्चे सिपाही के रूप में काम किया है। जैसा सुनने को मिल रहा है कि मुझे पार्टी से निकाल दिया जायेगा। मैं कहता हूं कि मुझे पार्टी से निकाल सकता है, लेकिन गुरु जी के दिल से नहीं निकाल सकता।मैं गुरुजी का पक्का शिष्य हूं और गुरुजी के साथ मैंने झारखंड राज्य को अलग करने में कदम से कदम मिलाकर आंदोलन किया है।मैं आंदोलनकारी हूं। मैं यह चुनाव अपने लिए नहीं बल्कि राजमहल लोकसभा क्षेत्र के जनता के लिए लड़ रहा हूं,राज्य के आदिवासी-मूलवासी के लिए  लड़ रहा हूं।

आदिवासी-मूलवासी अल्पसंख्यक के साथ न्याय करने का वादा कर भूल गई सरकार

जब हमारी सरकार बनी थी उस समय हम लोगों ने वादा किया था कि आदिवासी-मूलवासी और अल्पसंख्यक का कल्याण करेंगे, लेकिन पूरी की पूरी सरकार ही बिचौलियों के हत्थे चढ़ गयी। इन बिचौलियों के कारण ही हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा। इन विचौलीयों के कारनामों से मैंने कई बार हेमंत सोरेन को अवगत कराया, लेकिन मेरी बातों को नजरअंदाज किया गया।नामांकन के समय लोबिन हेंब्रम के समर्थक के रूप में अब्दुल जब्बार अंसारी, सामुबास्की तांती, विकास तिवारी, ब्रजेश कुमाएसर, मनोज कुमार, संतोष कुमार मुंडा, अजय कुमार तुरी, रियाजुल अंसारी, सफाजद्दीन अंसारी मौजूद थे।

हेमंत के साथ रहनेवाले बिचौलिये बिहारी हैं

लोबिन हेंब्रम के नामांकन में शामिल होने कई के लिए कई क्षेत्रों से समर्थक पहुंचे थे. सुबह से ही कृषि विभाग के निकट मैदान में हजारों की संख्या में समर्थक इकट्ठा हो गये थे। कृषि बाजार मैदान में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए लोबिन ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि हेमंत सोरेन के साथ रहने वाले सभी बिचौलिए झारखंड के नहीं, बल्कि बिहारी हैं। उसे झारखंड से क्या मोहब्बत होगा? इसलिए उन्होंने लूटने का काम किया है। अभी समय है ऐसे लोगों को चिन्हित कर पार्टी से बाहर करें। उन्होंने कहा कि जब से मैं चुनाव लड़ने की घोषणा की है तब से मुझे मैनेज करने पर लग गया है। मैं कोई ठेकेदार नहीं हूं, जो मैनेज हो जाऊंगा। जो ठेकेदार हैं, उसे मैनेज कीजिए।

मेरे साथ पार्टी के वफादार सिपाही,पार्टी न करे बदले की कार्रवाई

मैं बताना चाहता हूं कि शायद आपलोगों की जानकारी होगी या नहीं हमारे इस सभा में अधिकांश झारखंड मुक्ति मोर्चा के सिपाही लोग ही हैं। इन सिपाहियों को पहचान करने के लिए जिला अध्यक्ष द्वारा समाहरणालय के निकट एक चाय की दुकान के पास लोगों को बैठा दिया गया है, ताकि वह देखें और वैसे कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर निकाल दे।मैं कहता हूं पार्टी से बाहर निकालना समस्या का हल नहीं है। ये लोग ईमानदार सिपाही हैं। काम करनेवालों के साथ हैं, इसलिए कार्यकर्ताओं को पार्टी से निकालने की धमकी न दें।

साक्षरता मोड़ से निकली रैली, किया रोड-शो

लोबिन हेमब्रम के समर्थक पाकुड़, बोआरीजोर लिट्टीपाड़ा, राजमहल, उधवा, बोरियो, बरहेट व मंडरो, भगैया सहित अन्य इलाकों से साहिबगंज पहुंचे थे। लोबिन हेंब्रम ने पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य करते हुए ढोल बजाते हुए समर्थकों के साथ साक्षरता मोड़ से खुली कार में सवार होकर रोड शो कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया।जिरवाबाडीड़ी, पुलिस लाइन होते हुए रैली समाहरणालय के निकट पहुंची। इसके बाद लोबिन ने समाहरणालय में जाकर नामांकन पत्र का पर्चा दाखिल किया।

पार्टी से बगावत कर नामांकन करने वाले विधायक पर चलता है जेएमएम का डंडा

हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्रित्व काल से लोबिन हेंब्रम जेएमएम के विरुद्ध बगावती तेवर दिखाते आ रहे हैं,और जेएमएम द्वारा विजय हासदा को राजमहल क्षेत्र से प्रत्याशी बनाने बाद पार्टी से पूरी तरह से बगावत करते हुए अब जेएमएम के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध नामांकन का पर्चा भी भर दिया है।ऐसे में लोबिन हेंब्रम चाहे राजमहल से चुनाव जीते या न जीते,लेकिन जेएमएम को तो कुछ न कुछ क्षति पहुंचा कर बीजेपी के जीत का मार्ग प्रशस्त कर ही देंगे।ऐसे में जेएमएम लोबिन हेंब्रम को मनाएगी या दंडित करेगी यह तो वक्त ही बताएगा,क्योंकि लोबिन हेंब्रम भी काफी जनाधार वाला नेता हैं।लेकिन जेएमएम के इस वर्ष के रिकॉर्ड को देखें तो अबतक इसने अपने एक वर्तमान विधायक लोहरदगा से चमरा लिंडा औ एक पूर्व विधायक खूंटी के वसंत लोंगा को निलंबित कर अपना तेवर दिखा दिया है।

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