अखिलेश अखिल
यह बात और है कि यूपी की अमेठी और रायबरेली सीट को लेकर कांग्रेस कई बातों का आंकलन कर रही है और मजबूती के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रही है। पार्टी यह मंथन कर रही है कि इन दो सीटों पर जो भी मैदान में उतरे उसकी जेरत हो। अब किसी भी तरह की चूक की जरूरत नहीं है। लेकिन जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक राहुल गाँधी इस बार भी अमेठी और वयनाड से चुनाव लड़ेंगे जबकि रायबरेली सीट से प्रियंका गाँधी को उतरा जाएगा। हालांकि इस बात की घोषणा अभी नहीं की गई है लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने यह सब तय कर लिया है और इसकी घोषणा भी जल्द ही हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रियंका गांधी कांग्रेस की परंपरागत सीट रायबरेली से चुनावी डेब्यू करने जा रही हैं। वहीं, राहुल गांधी 2019 लोकसभा चुनाव की तरह ही तरह अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि, पिछले चुनाव में राहुल गांधी बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से अमेठी से चुनाव हार गए थे। लेकिन वायनाड से उन्हें प्रचंड जीत मिली थी। लेकिन इस बार वायनाड से भी उनके लिए राह आसान नहीं होगा, क्योंकि लेफ्ट ने इस बार इस सीट से उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है।
कांग्रेस पार्टी के लिए रायबरेली और अमेठी सीट का विशेष महत्व रहा है। कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी साल 2004 से ही रायबरेली सीट पर जीत दर्ज करती आ रही थीं। 2019 में वह यूपी की 80 सीटों में से कांग्रेस पार्टी की एकमात्र सांसद थीं। इस बार उन्होंने आम चुनाव में जाने से परहेज कर राजस्थान से राज्यसभा का रुख किया।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी चुनावी डेब्यू अमेठी सीट से किया था। इसके बाद उन्होंने यहा 2009 और 2014 में भी जीत दर्ज की। लगातार तीन बार उन्हें यहां की जनता ने चुनकर संसद भेजा लेकिन, बीते लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने उन्हें 50 हजार से ज्यादा मतों से हरा दिया था।
कर्नाटक में कांग्रेस की वापसी में अहम भूमिका निभाने वाले चुनाव रणनीतिकार सुनील कनुगोलू लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में सबसे मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी केवल उन्हीं उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे जिनके नाम सुनील कनुगोलू द्वारा तैयार की गई सूची में होंगे। राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले सुनील जनता की नब्ज बहुत जल्द समझने के लिए और उसी अनुसार योजना बनाने के लिए जाने जाते हैं।