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राहुल गाँधी केरल की वायनाड सीट को छोड़ सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा भी हुई है। बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में राहुल गाँधी दो सीतोपन से चुनाव लाडे थे और दोनों जगह से जीत हुई है। केरल की वायनाड सीट से राहुल गाँधी पिछले चुना में भी जीत हासिल किये थे। इस बार भी वायनाड के साथ ही रायबरेली से राहुल की जीत हुई है।
केरल के सांसद के सुरेश ने कहा कि राहुल गांधी दूसरी बार वायनाड से सांसद बने हैं और वहां की जनता उन्हें प्रतिनिधि के रूप में चाहती हैं। बाकि अधिकतर सांसदों ने रायबरेली सीट रखने को लेकर ज्यादा जोर दिया।
यूपी से कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि रायबरेली गांधी परिवार की पारंपरिक सीट है और पीढ़ियों से चली आ रही है। यह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के राजनीतिक पुनरुद्धार के लिए बहुत जरूरी है।
सोनिया गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में कहा था कि मैं आपको अपना बेटा दे रही हूं। उससे स्पष्ट हो गया था कि राहुल वहां परिवार की विरासत को आगे बढ़ाएंगे। वह अगले सप्ताह सोनिया और प्रियंका गांधी के साथ रायबरेली जाएंगे।
रायबरेली के लोगों ने गांधी परिवार के प्रति निष्ठा दिखाई है। राहुल ने वहां से 3.64 लाख वोटों से जीत हासिल की है। 2019 लोकसभा चुनाव में अमेठी से उन्हें हार मिली थी। इसी तरह वायनाड की जनता ने राहुल को दूसरी बार सांसद बनाया है। 2019 में वह वहां से 4 लाख से ज्यादा वोटों से जीते थे।
वायनाड की जनता हमेशा कांग्रेस के साथ रही है और यह कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक है।